क्या देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं है? मदरसा शिक्षकों से जुड़ा बिल वापस लिया गया

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क्या देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ नहीं है? मदरसा शिक्षकों से जुड़ा बिल वापस लिया गया

सारांश

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षकों को असीमित शक्तियां देने वाले विधेयक को वापस ले लिया है। मौलाना चौधरी इरफान हुसैन और मौलाना कशिश वारसी ने इस फैसले का समर्थन किया है। क्या यह कदम समाज के लिए फायदेमंद होगा?

Key Takeaways

  • मदरसा शिक्षकों को असीमित शक्तियां देने वाला विधेयक वापस लिया गया है।
  • यह कदम समाज की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
  • सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए।
  • भ्रष्टाचार और माफियागिरी पर रोक लगानी होगी।
  • सरकार के फैसलों की सराहना करना चाहिए।

मुरादाबाद/अलीगढ़, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसा शिक्षकों को असीमित शक्तियां देने वाले विधेयक को वापस लेने के निर्णय का मौलाना चौधरी इरफान हुसैन और सूफी फाउंडेशन के प्रमुख मौलाना कशिश वारसी ने स्वागत किया है।

अलीगढ़ के मौलाना चौधरी इरफान हुसैन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि असीमित अधिकार देना या विशेष दर्जा देना समाज के विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यदि इसका दुरुपयोग होने लगे, पारदर्शिता की कमी हो और इसके संचालक तानाशाही रवैया अपनाने लगें, तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि जो अधिकार सरकार और संविधान के माध्यम से लोगों को मिलने चाहिए, वे कुछ व्यक्तियों के कारण नहीं मिल पाते। कुछ लोग माफियागिरी और भ्रष्टाचार करके इन अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं, स्वयं अमीर बनते हैं और मिलने वाले लाभ का व्यक्तिगत उपयोग कर लेते हैं।

मौलाना चौधरी इरफान हुसैन ने बताया कि सरकार ने यह दर्जा वापस लिया है और सभी को एक समान करने का विधेयक तैयार किया है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है, और मैं इसे समर्थन देता हूं।

उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक अखिलेश यादव की सरकार में पारित किया गया था, जो तानाशाही से भरा हुआ था। यह इस्लाम के भी खिलाफ था कि किसी एक व्यक्ति को इतनी ताकत दी जाए कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी न हो सके और उसकी कोई जवाबदेही न हो। ऐसा कानून कैसे हो सकता है?

सूफी फाउंडेशन के प्रमुख मौलाना कशिश वारसी ने कहा कि दिल्ली बम ब्लास्ट में सम्मानित पेशेवर डॉक्टरों के नाम सामने आने के बाद यह आवश्यक है कि देश और प्रदेश की सरकारें चिंतित हों। यह दुखद है कि इसमें साफ-सुथरे और सम्मानित पेशों से जुड़े लोग शामिल थे।

उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। यदि मामला राष्ट्रवाद से संबंधित हो और किसी मदरसे के शिक्षक, सरकारी कर्मचारी या मस्जिद के इमाम के खिलाफ सरकार कोई कदम उठाती है या कोई विधेयक लाती है, तो इस पर कोई एतराज नहीं होना चाहिए। सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं सरकार द्वारा रद्द किए गए विधेयक को वापस लेने के निर्णय का समर्थन करता हूं। जिस विधेयक को सरकार ने रद्द किया है, उसके बारे में लोगों को पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी को समान अधिकार प्राप्त हों।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या सरकार का यह निर्णय सही है?
हाँ, यह निर्णय समाज में समानता और पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है।
बिल के वापस लेने का कारण क्या है?
बिल का वापस लेना इस बात का संकेत है कि समाज में शक्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
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