क्या मध्य प्रदेश में अवैध निर्माण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा? : मंत्री विश्वास सारंग

सारांश
Key Takeaways
- अवैध निर्माण पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है।
- मंत्री विश्वास सारंग ने 'लैंड जिहाद' को नकारा।
- सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन आवश्यक है।
- छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करने वाले धार्मिक स्थलों का उचित समाधान होना चाहिए।
- प्रिंसिपल की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा।
भोपाल, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को हमीदिया कॉलेज के निकट बने धार्मिक स्थल को कानून की अनदेखी कर निर्मित बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन 'लैंड जिहाद' को किसी भी स्थिति में सहन नहीं करेगा। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस तरह के अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी रहेगी।
सारंग ने कहा, "यदि कोई जमीन हड़पने के इरादे से ऐसे निर्माण करेगा, तो निश्चित ही प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब हम इस प्रकार के अवैध निर्माणों को एकदम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते।"
कानूनहिम्मत करेगा, तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।"
मंत्री ने हमीदिया कॉलेज से मस्जिद की अजान से होने वाली परेशानी की शिकायत के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी स्पष्ट किया है कि यदि मस्जिद से आने वाली अजान से किसी छात्र को कोई समस्या होती है, तो उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। हम नहीं चाहते कि किसी धार्मिक स्थल से आने वाली आवाज़ से किसी बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा आए।
इसके अलावा, कांग्रेस के इस दावे पर कि प्रिंसिपल की तरफ से ऐसी शिकायतें नहीं आ सकतीं, मंत्री विश्वास सारंग ने सवाल उठाया, "आखिर क्यों? क्यों नहीं प्रिंसिपल शिकायत कर सकतीं? बिल्कुल कर सकतीं, वो उस कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित करना उनका काम है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई में बाधा न आए। मैं प्रिंसिपल को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने छात्रों के हितों को देखते हुए ऐसा कदम उठाया है। यह लैंड जिहाद हम मध्य प्रदेश में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते। हमारी सरकार इस पर पूरी तरह सख्त है।"
ज्ञात रहे कि मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित हमीदिया कॉलेज की प्रिंसिपल ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि सामने वाली मस्जिद से आने वाली अजान से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जिस जमीन पर विज्ञान संकाय की इमारत बननी थी, वहाँ अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया गया। पत्र में कॉलेज परिसर के सीमांकन की भी मांग की गई है।
वहीं, मस्जिद के इमाम ने कॉलेज के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मस्जिद 300 साल पुरानी है और वक्फ की जमीन पर बनी है।