क्या मध्य प्रदेश के भिंड में अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- भिंड में अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ।
- पुलिस ने 12 देसी पिस्तौल और अन्य सामग्री जब्त की।
- गिरोह ने औद्योगिक स्तर पर हथियार बनाने का काम किया।
- मुख्य आरोपी अभी भी फरार है।
- इस कार्रवाई से अवैध हथियारों के कारोबार पर सवाल उठते हैं।
भोपाल, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलिस ने मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एक दूरदराज के गांव में किराए के एक फार्महाउस में चल रही एक अवैध देसी हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भिंड के पुलिस अधीक्षक (एसपी) असित यादव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि छापेमारी के दौरान 12 देसी पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और हथियार बनाने का भारी सामान जब्त किया गया। एक स्थानीय गिरोह उत्तर प्रदेश से 50,000 रुपए प्रति माह पर कुशल श्रमिकों को काम पर रखकर एक बंदूक बनाने की फैक्ट्री चला रहा था। यह अवैध फैक्ट्री रूपवाई के एक फार्महाउस से चल रही थी, जहां छापेमारी के दौरान चार लोग पिस्तौल बनाते हुए पाए गए।
एसपी ने यह भी बताया कि गिरोह ने 20,000 रुपए प्रति माह पर एक फार्महाउस किराए पर लिया था और हथियार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से दो कुशल बंदूक बनाने वाले कारीगरों को बुलाया था। यह कोई मामूली अपराध नहीं था, बल्कि एक औद्योगिक स्तर का धंधा था।
उन्होंने कहा कि गिरोह ने एक संगठित व्यवसाय बनाया था, जिसमें मासिक वेतन और उत्पादन लक्ष्य भी शामिल थे। यह कार्रवाई बरोही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया को सूचना मिलने के बाद की गई। उन्हें बताया गया था कि अमलहारी गांव के चौराहे के पास एक व्यक्ति अवैध पिस्तौल बेचने की कोशिश कर रहा है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक 32 बोर की पिस्तौल, तीन 315 बोर की पिस्तौलें और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने जांचकर्ताओं को गुप्त हथियार फैक्ट्री के बारे में बताया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस स्थान पर छापा मारा और 12 पिस्तौलें और हथियार निर्माण में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद किया।
आरोपियों ने स्वीकार किया कि हथियारों के लिए सामग्री उत्तर प्रदेश के इटावा, मैनपुरी और एटा जिलों से मंगवाई गई थी। वे 19 सितंबर से सक्रिय थे और अब तक 22 पिस्तौलें बना चुके थे, जिनमें से कम से कम सात पिस्तौलें अवैध हथियार बाजार में बेच चुके थे। इन हथियारों के तीन खरीदारों को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। फार्महाउस में काम करने वाला मुख्य बंदूक बनाने वाला एक कुख्यात अपराधी है और अभी भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर 10,000 रुपए का इनाम घोषित किया गया है।