क्या मध्य प्रदेश भाजपा में नियुक्तियां हो रही हैं? पिछड़ा वर्ग आयोग में नई नियुक्ति से सियासी हलचल तेज

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा में नियुक्तियों का दौर फिर से शुरू हुआ है।
- पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में नई नियुक्तियाँ की गई हैं।
- राजनीतिक नियुक्तियों पर लंबे समय से सबकी नज़र थी।
- भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की नियुक्ति के बाद बदलाव आ रहे हैं।
- राजनीतिक दावेदारों के लिए नए अवसर खुल सकते हैं।
भोपाल, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के साथ भाजपा में सियासी हलचल तेज हो गई है।
इस बीच, उन नेताओं में उम्मीद जगी है जो दावेदार माने जाते हैं। राज्य में लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों पर नज़र है, लेकिन संगठन के चुनावों के कारण ये नियुक्तियां रुकी हुई थीं।
हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल बने और उसके बाद ही राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हुई। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया नियुक्त हुए हैं और सदस्य मौसम बिसेन को बनाया गया है, जो भाजपा की वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन की बेटी हैं।
इन दो नियुक्तियों के साथ ही राजनीतिक सियासत में फिर से हलचल बढ़ गई है, क्योंकि कई नेता ऐसे हैं जो विधायक हैं, लेकिन मंत्री नहीं बन पाए हैं, और वे निगम अथवा मंडल में अपनी नियुक्ति चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओर वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है, और उन्हें भी कहीं समायोजित किया जा सकता है।
वास्तव में, राज्य में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर मोहन यादव आसीन हुए थे। उसके बाद राज्य के करीब 50 निगम, मंडल और आयोग में हुई नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया। ये नियुक्तियां शिवराज सरकार के दौरान की गई थीं।
उसके बाद से निगम, मंडल अध्यक्ष, आयोग अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य आदि के पदों पर नियुक्ति को लेकर कई दावेदार प्रतीक्षा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव आ गए और ये नियुक्तियां नहीं हो पाईं। अब एक बार फिर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है। अब संभावना जताई जा रही है कि कई नेताओं को पार्टी संगठन में स्थान दिया जाएगा, जबकि कई दावेदारों को निगम, मंडल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनाया जाएगा।