क्या मध्य प्रदेश में कूनो और गांधी सागर के बाद नैरादेही में चीतों का वास होगा?
सारांश
Key Takeaways
- नैरादेही अभ्यारण्य में चीतों का विकास कार्य शुरू होगा।
- मध्य प्रदेश में 31 चीतों का निवास है।
- बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी।
छतरपुर, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने खजुराहो में आयोजित कैबिनेट बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र को कई महत्वपूर्ण उपहार दिए हैं। इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, और सड़कों के निर्माण के साथ-साथ नैरादेही अभ्यारण्य में चीतों के आवास के लिए विकास कार्यों को भी स्वीकृति दी गई।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की। मंत्रिपरिषद ने वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नौरादेही को चीतों के तीसरे निवास के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी।
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में कुनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में पहला और अप्रैल 2025 में गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में दूसरा चीता निवास शुरू किया गया है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में कुल 31 चीतों का निवास है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में 28 और गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में 2 चीतों का आवास है। इसके अलावा, जनवरी 2026 में बोथ्सवाना से 8 चीतों का कुनो में आगमन संभावित है।
मंत्रिपरिषद ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सागर के औद्योगिक क्षेत्र मसवासी ग्रांट के लिए एक विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी। स्वीकृति के अनुसार भूमि प्रब्याजी और वार्षिक भू-भाटक की दर केवल एक रुपया प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, विकास शुल्क चुकाने के लिए 20 समान वार्षिक किश्तों की सुविधा दी गई है और संधारण शुल्क 8 रुपए प्रति वर्गमीटर वार्षिक तय किया गया है।
निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टांप और पंजीयन शुल्क में 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तिथि से 5 वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिपरिषद द्वारा सागर-दमोह मार्ग की लंबाई 76.680 किमी, 4-लेन मय पेव्हड शोल्डर के साथ हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अंतर्गत उन्नयन एवं निर्माण के लिए परियोजना वित्तीय लागत 2,059 करोड़ 85 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
साथ ही, नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दमोह, छतरपुर और बुधनी के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की स्वीकृति दी गई है।