क्या मध्य प्रदेश के 23 जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
- राज्य के 23 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी है।
- नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
- आवागमन बाधित हो रहा है।
- मौसम विभाग ने राहत कार्यों की आवश्यकता पर जोर दिया है।
भोपाल, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तेज बारिश हो रही है। नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, राज्य के 23 जिलों में अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
सूत्रों के अनुसार, इस बार मानसून राज्य में अधिक मेहरबान है, और अधिकांश जगहों पर औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। आंकड़े दर्शाते हैं कि इस वर्ष अब तक 21 इंच बारिश हुई है, जो सामान्य से 7.3 इंच अधिक है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में एक बार फिर से बारिश का दौर सक्रिय हो गया है। इससे कई मार्गों पर आवागमन प्रभावित हो रहा है। सातार नदी का जल स्तर बढ़ने पर ओरछा और झांसी के बीच आवागमन बाधित हो गया है।
सागर के बीना में भी कई क्षेत्रों में सड़कों का पानी घरों में भर गया है। मौसम विभाग ने तेज बारिश के चलते कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति की चेतावनी दी है। राज्य में सबसे अधिक बारिश निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में सामान्य बारिश से 15 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है।
इस बीच, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में अब तक 10 इंच से भी कम बारिश हुई है। आगामी 24 घंटे में राज्य के पूर्वी हिस्सों जैसे अनूपपुर, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, सिवानी, शहडोल, सीधी और उमरिया जिलों में बारिश से अचानक बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
पश्चिम मध्य प्रदेश के अशोक नगर, गुना, रायसेन, शिवपुरी, और विदिशा में भी इसी तरह की स्थिति का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग ने यह चेतावनी जारी की है।