क्या मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन बनेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- गीता भवनों की स्थापना से शिक्षा में सुधार होगा।
- सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- राज्य सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- मुरैना शक्कर कारखाना एमएसएमई विभाग को सौंपा जाएगा।
- नए आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाएंगे।
भोपाल, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन की स्थापना की जाएगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की।
राज्य मंत्रि-परिषद ने समाज में पठन-पाठन के प्रति रुचि को बढ़ावा देने, सर्वसुविधायुक्त वैचारिक अध्ययन केंद्र और साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए नगरीय निकायों में गीता भवन की स्थापना की योजना को मंजूरी दी है। यह योजना 2025-26 से 2029-30 तक पांच वर्षों में लागू की जाएगी। गीता भवनों के निर्माण, विस्तार, और रखरखाव के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इन भवनों का स्वामित्व राज्य शासन के पास रहेगा क्योंकि उनका निर्माण राज्य वित्त पोषण पर आधारित होगा।
सूचना के अनुसार, इस योजना को 5 वर्षों में क्रियान्वित किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्रि-परिषद ने मुरैना जिले में मुरैना मंडल सहकारी शक्कर कारखाने के परिसमापन की प्रक्रिया को पूरा करने और कारखाने की 22.340 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, एमएसएमई विभाग को मुरैना जिले में रोजगार आधारित उद्योगों के विकास के लिए कारखाना हस्तांतरित किया जाएगा। इसके लिए एमएसएमई विभाग के माध्यम से लगभग 61 करोड़ रुपये का उचित प्रतिफल प्रदान किया जाएगा।
राज्य शासन द्वारा परिसमापक को जो राशि दी जाएगी, उसका उपयोग कर्मचारियों की देनदारियों, किसानों के पूर्व वर्षों के भुगतान और अन्य देनदारियों के निपटान में किया जाएगा। कारखाने की मशीनरी और प्लांट का विक्रय पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा। मुरैना मंडल सहकारी शक्कर कारखाने का पंजीकरण 1965 में हुआ था, लेकिन यह सिंचाई की समस्याओं और अन्य प्रबंधकीय कारणों से लगातार घाटे में रहा है और 2008-09 से बंद है। वर्तमान में इस कारखाने की देनदारियां 54.81 करोड़ रुपये हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स 2.0 परियोजना के अंतर्गत विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भोपाल की तहसील बैरसिया के ग्राम बांदीखेडी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए 210.21 एकड़ भूमि पर 371 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, नर्मदापुरम, मुरैना, बालाघाट, शहडोल और सागर में नए सरकारी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय और वैलनेस सेंटर खोलने के लिए 1570 पदों की स्वीकृति दी गई है।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 का अनुमोदन किया है। नए नियमों के अनुसार, महिला शासकीय सेवक सेरोगेट और कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। इसके अलावा, शासकीय सेवकों को दत्तक संतान ग्रहण करने के लिए 15 दिनों का पितृत्व अवकाश मिलेगा।