क्या मध्य प्रदेश के हर जनजातीय विकास खंड में सांदीपनि विद्यालय स्थापित होगा?
सारांश
Key Takeaways
- सांदीपनि विद्यालय की स्थापना हर जनजातीय विकास खंड में होगी।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
- जनजातीय महिलाओं के लिए कैफेटेरिया का संचालन किया जाएगा।
- कला भवनों की स्थापना से संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
- जनजातीय जनसंख्या के लिए आवास और बिजली की सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी।
भोपाल, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के प्रत्येक जनजातीय विकास खंड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जाएगी। राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने बताया कि जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है, और इसी दिशा में सभी जनजातीय विकास खंडों में सांदीपनि विद्यालयों की शुरुआत की जाएगी।
इस वर्ष, मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान, जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं और भविष्य में क्या योजनाएँ हैं, इस विषय पर विजय शाह ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में अगले तीन वर्षों में जनजातीय विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार किया जाएगा। हर जनजातीय विकासखंड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, प्रयोगशालाएँ और पुस्तकालय सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा। हर जनजातीय विकासखंड में एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
जनजातीय विकास मंत्री विजय शाह ने कहा कि जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन किया जाएगा। 86 जनजातीय विकासखंडों में जनजातीय समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए कला भवन स्थापित किए जाएंगे। डॉ. शाह ने बताया कि डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, सात उत्पादों की जीआई टैग की प्रक्रिया प्रगति पर है, जिनमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया, और गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि गुजरात के केवड़िया में संचालित जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर पंचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच और बांधवगढ़ में भी कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है। जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाएँ इन कैफेटेरिया का संचालन करेंगी, जिससे उन्हें आजीविका का साधन प्राप्त होगा और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण भी होगा।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान पर चर्चा करते हुए डॉ. शाह ने बताया कि 13 लाख 43 हजार से अधिक जनजातीय जनसंख्या को लाभ मिल रहा है। अब तक 1 लाख 30 हजार से अधिक मकान पूर्ण किए जा चुके हैं। ऑन-ग्रिड बिजली के माध्यम से 26 हजार 810 से अधिक घरों में बिजली पहुंचाई गई है।
उन्होंने आगे बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों को लाभ मिल रहा है। स्वदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 14 ग्रामों में 86 जनजातीय होमस्टे बनाए जा रहे हैं। जनजातीय वर्ग के व्यवसायियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए चार ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेंटर की स्वीकृति दी गई है।