क्या मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षमता 5 हजार मेगावाट तक पहुँच गई है? - सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता 5 हजार मेगावाट पर पहुँच गई है।
- मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना ने नए मानक स्थापित किए हैं।
- राज्य सरकार ने औद्योगिक निवेश के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं।
- भारत का नेट जीरो लक्ष्य 2070 है।
- राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और अन्य योजनाएँ चल रही हैं।
भोपाल, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा का तेजी से विस्तार हो रहा है। राज्य की सौर ऊर्जा क्षमता अब पांच हजार मेगावाट तक पहुँच गई है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीआईआई अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन में वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की मुरैना सोलर प्लस स्टोरेज परियोजना के शुभारंभ से नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने एक नया मानक स्थापित किया है। यह भारत की पहली परियोजना है, जो रिकॉर्ड न्यूनतम 2 रूपए 70 पैसे प्रति यूनिट टैरिफ पर स्थिर और डिस्पैचेबल नवकरणीय ऊर्जा प्रदान कर रही है।
मध्य प्रदेश में ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की स्थापित क्षमता तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2025 तक सौर क्षमता लगभग 5 हजार मेगावाट पर पहुँच चुकी है, जिसे वर्ष 2035 तक बढ़ाकर 33 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा इंडस्ट्रियल प्रमोशन पालिसी, रिन्यूएबल एनर्जी पालिसी 2025 और पम्प हाइड्रो पालिसी 2025 के अंतर्गत औद्योगिक निवेश के लिए कई आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। मेक इन इंडिया और विकसित भारत के संकल्प को साकार करते हुए एक ऐसा भारत बन रहा है जो सुरक्षित, सक्षम और विश्व को मार्गदर्शन प्रदान करने की सामर्थ्य रखता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम सभी नेट जीरो के लक्ष्य की ओर दृढ़ संकल्पित होकर कदम बढ़ा रहे हैं। आने वाले वर्षों में भारत और मध्य प्रदेश विश्व के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का मार्गदर्शक बनेगा।
मुख्यमंत्री यादव ने भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब केवल एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की आशा और भरोसे का केंद्र बन चुका है। भारत आज ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल, आईटी, कृषि, फार्मा, रक्षा और अंतरिक्ष हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है एवं भारत को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। भारत ने 2070 तक नेट-जीरो और 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल क्षमता का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि देश 251.5 गीगावाट नॉन-फॉसिल ऊर्जा क्षमता को पार कर चुका है और सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता में 100 गीगावाट की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में जारी प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और स्मार्ट ग्रिड जैसी पहलों के माध्यम से भारत ने ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर, स्वच्छ और सतत् दिशा प्रदान की है। परिवारों को मुफ्त बिजली का लाभ मिला है।