क्या मध्य प्रदेश की विधानसभा के पहले सत्र को 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया गया?
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश विधानसभा का 70 वर्षों का इतिहास
- विशेष सत्र और चित्र प्रदर्शनी का आयोजन
- राजनीतिक विकास की यात्रा
- विपक्ष का प्रदर्शन और मुद्दे
- समाज के प्रति जिम्मेदारी
भोपाल, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की विधानसभा के पहले सत्र ने 70 वर्ष का सफर पूरा कर लिया है। इस विशेष अवसर पर विधानसभा में एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। साथ ही, एक चित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें विधानसभा के 70 वर्षों की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने बुधवार को विधानसभा के इस विशेष सत्र के उपलक्ष्य में 'मध्य प्रदेश विधानसभा का इतिहास: 1956 से 2025' विषय पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री मोहन यादव, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने 'मध्य प्रदेश विधानसभा के 1956 से 2025 तक के ऐतिहासिक क्षणों' की प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आयोजित चित्र प्रदर्शनी की प्रशंसा की। उन्होंने प्रदर्शनी में शामिल ऐतिहासिक और दुर्लभ चित्रों की सराहना की।
इस अवसर पर उन्होंने जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित 'मुख्यमंत्री मोहन यादव का अभ्युदय: मध्य प्रदेश- विकास और सेवा के दो वर्ष' विषय पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
ज्ञात हो कि इस विशेष सत्र का आयोजन मध्य प्रदेश विधानसभा के 70 वर्षों की यात्रा को मनाने के लिए किया गया है। इस प्रदर्शनी में 1956 से 2025 तक की विधानसभा के 135 दुर्लभ चित्रों का समावेश किया गया है।
इसी प्रकार, जनसंपर्क विभाग द्वारा विधानसभा प्रांगण में 90 पैनलों की एक आकर्षक विकास प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस विशेष सत्र में विकसित मध्य प्रदेश पर चर्चा की गई। वहीं, विपक्ष ने सदन की शुरुआत से पहले मनरेगा का नाम बदले जाने का विरोध किया और महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने नारेबाजी की।