क्या महाकुंभ के आयोजन के बाद माघ मेला-2026 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं?
सारांश
Key Takeaways
- महाकुंभ-2025 के बाद माघ मेला-2026 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की योजना है।
- 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
- सात पॉन्टून पुलों को इंद्रधनुषी रंगों से सजाया जाएगा।
- मेले में आधुनिक अवसंरचना और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
लखनऊ, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाकुंभ-2025 की सफलता के बाद, राज्य सरकार अब माघ मेला-2026 को भी एक अद्वितीय, संगठित और सौंदर्यपूर्ण रूप देने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में माघ मेले की तैयारियां लगभग समाप्ति के निकट हैं।
हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष एक प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया, साथ ही सेक्टरवार रंग योजना और अवसंरचनात्मक सुधारों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बार प्रयागराज में अनुमानित 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु संगम पर पवित्र स्नान करने का अनुमान है, जिसमें प्रतिदिन आने वाले लाखों कल्पवासी भी शामिल होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि संपूर्ण मेला क्षेत्र एक रंग-समन्वित थीम पर आधारित होगा। प्रत्येक सेक्टर में एकरूपता का अनुभव होगा। मेले को आकर्षक और संगठित बनाने के लिए सातों सेक्टर्स और सात पॉन्टून पुलों को “सात ऊर्जा चक्रों” के अनुरूप सजाया जाएगा। हर सेक्टर की चहारदीवारी पर 3 फुट चौड़ी सीमांकन पट्टी बनाई जाएगी, जिससे मेले का आकार दृष्टिगत रूप से स्पष्ट और सुंदर दिखाई देगा। सभी सेक्टर्स में उत्तर प्रदेश सरकार और माघ मेला-2026 का प्रतीक चिन्ह अंकित होगा। विभिन्न घाटों पर उपलब्ध चेंजिंग रूम भी सेक्टरवार रंग योजना के अनुसार तैयार किए जाएंगे।
पहले की तुलना में दोगुनी क्षमता होगी, और रंग योजनाओं के अनुरूप सुविधाएं होंगी। अब 2 यूनिट में 2 के बजाय 4 लोग एक साथ सुविधा का उपयोग कर सकेंगे। इससे भीड़ प्रबंधन अधिक सुचारू और सुविधाजनक होगा।
एक अधिकारी ने बताया कि सातों पॉन्टून पुलों को इंद्रधनुषी सात रंगों से सजाया जाएगा। पुलों पर लगी लाइट और पोलों पर लगी एलईडी लाइटें धार्मिक चिन्हों के साथ प्रदर्शित होंगी, जो दिन और रात दोनों समय आकर्षण का केंद्र रहेंगी। हर पुल पर रंग अनुरूप झंडे लगाए जाएंगे। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलों पर कैनोपी का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि माघ मेला-2026 न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक हो, बल्कि साफ-सफाई, सुरक्षा, यातायात, चिकित्सा सुविधाओं और आधुनिक अवसंरचना के मामले में भी देशभर के मेला आयोजनों के लिए एक आदर्श बने। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मेला प्रशासन श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, संगठित, आध्यात्मिक और विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने में जुट गया है।