क्या जम्मू-कश्मीर में महानवमी पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है?

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क्या जम्मू-कश्मीर में महानवमी पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है?

सारांश

महानवमी के मौके पर जम्मू में बावे वाली माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आए हैं। इस पावन अवसर पर मंदिर परिसर में भक्ति की गूंज और दीपों की रौशनी से माहौल बेहद भव्य हो गया है।

Key Takeaways

  • महानवमी के दिन जम्मू में बावे वाली माता मंदिर में विशेष पूजा होती है।
  • श्रद्धालुओं में बड़े उत्साह का माहौल देखने को मिलता है।
  • भक्त माता रानी से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
  • मंदिर परिसर को दीपों और फूलों से सजाया जाता है।
  • यह अवसर धार्मिक एकता और संस्कृति का प्रतीक है।

श्रीनगर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महानवमी के पावन अवसर पर बुधवार को जम्मू में स्थित बावे वाली माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन सुबह से ही हजारों भक्त माता रानी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। पूरे परिसर में माता के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी।

श्रद्धालुओं ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि नवरात्रि के ये नौ दिन उनके जीवन के लिए बेहद खास होते हैं। इन दिनों में मां दुर्गा की उपासना से शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। भक्तों ने माता रानी से देश की सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।

कई श्रद्धालुओं ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए बताया कि माता रानी की कृपा से जम्मू हर संकट से उबरा है। चाहे 'ऑपरेशन सिंदूर' हो, जम्मू-कश्मीर में किसी भी तरह की त्रासदी, या भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच, हर बार भारत की जीत और सुरक्षा में मां भगवती का आशीर्वाद स्पष्ट रूप से देखने को मिला है। भक्तों का यह भी मानना है कि हाल ही में आईसीसी महिला क्रिकेट टीम ने भी जीत की शुरुआत माता रानी की कृपा से ही की है।

जम्मू निवासी श्रद्धालु आशीता ने कहा, "मैं यहीं रहती हूं और हर बार बावे वाली माता रानी के दर्शन करने आती हूं। सभी देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। माता रानी ने हमेशा जम्मू को संकटों से बचाया है। चाहे ऑपरेशन सिंदूर हो या प्राकृतिक आपदा, मां ने अपनी शक्ति से हमें सुरक्षित रखा है।"

एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "आज हम सुबह जल्दी उठकर बावे वाली माता रानी के दरबार पहुंचे हैं। मां ने हर कठिनाई से जम्मू को बचाया है। चाहे बाढ़ हो या बड़ा संकट, मां की शक्ति हर बार स्पष्ट रूप से दिखाई दी है। मेरी ओर से पूरे देश को नवरात्रि की शुभकामनाएं।"

दूसरे श्रद्धालु ने अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा, "जो भी यहां आता है, वह मान्यता और श्रद्धा के साथ आता है। हमारी मान्यता माता रानी से गहराई से जुड़ी हुई है। हम यही प्रार्थना करते हैं कि मां भगवती का आशीर्वाद हम सब पर सदा बना रहे।"

महानवमी के मौके पर मंदिर परिसर को दीपों और फूलों से सजाया गया है। सुबह से ही लंबी कतारों में श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए माता रानी के जयकारे लगाते दिखे। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी में विशेष उत्साह नजर आया।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करें। जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं की भीड़ यह दर्शाती है कि हमारी धार्मिक मान्यताएं और सांस्कृतिक मूल्य कितने गहरे हैं। ऐसे अवसरों पर एकजुटता और शांति का संदेश फैलाना आवश्यक है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

महानवमी क्या है?
महानवमी नवरात्रि का अंतिम दिन होता है, जब भक्त माता दुर्गा की पूजा करते हैं।
बावे वाली माता मंदिर कहाँ स्थित है?
बावे वाली माता मंदिर जम्मू में स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
नवरात्रि के दौरान क्या विशेष होता है?
नवरात्रि के दौरान भक्त माता दुर्गा की उपासना करते हैं, और यह शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
महानवमी पर क्या आयोजन होते हैं?
महानवमी पर भक्त विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और माता का जयकारा लगाते हैं।
क्या महानवमी पर मंदिर में विशेष रौनक होती है?
हाँ, महानवमी पर मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है।