क्या महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे 12 बांग्लादेशी नागरिकों को निष्कासित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र में अवैध निवासियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
- 12 बांग्लादेशी नागरिकों को निष्कासित किया गया है।
- यह कार्रवाई पुलिस के विशेष अभियान का हिस्सा है।
- इन नागरिकों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था।
- सरकार अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
मुंबई, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मीरा-भायंदर और वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय की सीमाओं में अवैध रूप से निवास कर रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 12 घुसपैठियों को देश से बाहर किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक के आदेश और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रय शिंदे के मार्गदर्शन में की गई।
1 अगस्त 2025 से आयुक्तालय क्षेत्र के विभिन्न थानों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अवैध रूप से निवास कर रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है। इसी के अंतर्गत काशिमीरा, तुलिंज और नालासोपारा पुलिस थानों के क्षेत्रों से 12 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया।
पूछताछ में इन व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि वे बिना किसी वैध दस्तावेज के भारत में रह रहे थे और उन्होंने अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार की थी। इनमें से कुछ ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भारतीय पहचान पत्र भी हासिल कर लिए थे।
इन सभी 12 नागरिकों को 7 अगस्त को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा से उनके देश बांग्लादेश भेजा गया है। निष्कासित लोगों में 6 पुरुष, 4 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं।
इससे पहले, पुलिस ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में अवैध रूप से रहने के आरोप में 5 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। ये सभी कल्याण-डोंबिवली इलाके में बिना किसी पासपोर्ट या आवश्यक दस्तावेजों के भारत में प्रवेश किए थे।
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरिट सोमैया ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो महीनों में 42,189 बांग्लादेशी नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं। इनमें से 11,053 मूल जन्म प्रमाणपत्र वापस ले लिए गए हैं।