क्या महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित किसानों को दिवाली से पहले आर्थिक मदद मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ खड़ी है।
- दिवाली से पहले आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- सरकार ने पहले भी किसानों की मदद की है।
- विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।
- महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता हमेशा किसानों की भलाई है।
मुंबई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में बाढ़ से प्रभावित किसानों की स्थिति पर चल रही राजनीतिक बहस के बीच, पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ दृढ़ता से खड़ी है और उन्हें दिवाली से पहले आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे भी इस त्योहार की खुशियों में भाग ले सकें।
राहुल शेवाले ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों के लिए राहत पैकेज का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जो वादा किया है, उस पर हमें पूरा विश्वास है। कोई भी संकट आने पर, सरकार हमेशा किसानों का समर्थन करती है। दिवाली से पहले बाढ़ प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि उनके घरों में भी दिवाली की रोशनी हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहले भी किसानों को आर्थिक मदद दे चुकी है और भविष्य में भी यह सहायता जारी रहेगी। बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हर किसान की मदद सुनिश्चित की जाएगी। विपक्ष द्वारा बाढ़ राहत पैकेज और सरकार की कार्यशैली पर उठाए जा रहे सवालों पर शेवाले ने कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।
महाराष्ट्र में चुनाव आयोग से विपक्षी नेताओं की मुलाकात पर शेवाले ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो हारने वाला होता है, वही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाता है। विपक्ष ने अपनी हार पहले ही स्वीकार कर ली है और अब हार का कारण ढूंढ रहा है। उन्हें पहले से पता है कि नतीजा उनके पक्ष में नहीं आएगा, इसलिए वे पहले से ही चुनाव आयोग पर आरोप लगाने की तैयारी में हैं।
राहुल शेवाले ने इस बात पर जोर दिया कि यह विपक्ष की हार की रणनीति का हिस्सा है ताकि चुनाव परिणाम आने के बाद वह अपनी हार की जिम्मेदारी से बच सके।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता हमेशा से किसानों की भलाई रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी किसानों को निराश नहीं किया है। हर बार की तरह, इस बार भी हम किसानों को उनके पैरों पर खड़ा करने की पूरी कोशिश करेंगे।