क्या महाराष्ट्र में आकाशीय बिजली गिरने से दो किशोरों की जान चली गई?
सारांश
Key Takeaways
- आसमान से बिजली गिरने से सावधान रहना चाहिए।
- प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारी आवश्यक है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
- इस तरह की घटनाएं समुदाय को प्रभावित करती हैं।
- तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
गढ़चिरोली, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले के कोरची तालुका में आसमान से गिरी बिजली के कारण दो किशोरों की जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब दोपहर करीब 1 बजे मूसलाधार बारिश शुरू हुई। केसलदाबरी क्षेत्र के बुजुर्गबड़गा देवरी गांव में, धान की फसल पर तिरपाल डालते समय, 17 वर्षीय किशोरों पर आकाशीय बिजली गिरी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में सरगम सोमनाथ कोरचा (17) और उनका मित्र योगेश गावडे (17) शामिल हैं। योगेश बुजुर्गबड़गा देवरी का निवासी था और सरगम के गांव दीपावली मनाने आया था। शनिवार सुबह ही उन्होंने खेत में धान की कटाई की थी। बारिश की आशंका के चलते सरगम, योगेश और सोमनाथ तिरपाल डालने गए थे। अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद सरगम और योगेश पास के महुआ के पेड़ के नीचे छिप गए, जबकि सोमनाथ थोड़ी दूरी पर सुरक्षित स्थान पर खड़ा हो गया। उसी समय, आसमान से बिजली गिरी और दोनों किशोर जमीन पर गिर पड़े, जो तड़पते हुए कुछ ही मिनटों में दम तोड़ गए।
सोमनाथ ने पुलिस को बताया, "मैंने देखा, बिजली गिरी और मेरे बेटे व उसके दोस्त आग की तरह झुलस गए। मैं चिल्लाया, लेकिन कुछ नहीं कर सका।"
यह हादसा दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच हुआ। आसपास के ग्रामीणों ने शोर सुना और तुरंत कोरची पुलिस को सूचना दी। एसएचओ रमेश कुरमेट्टी के नेतृत्व में पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से दोनों शवों को कोरची ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया। वहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। प्रारंभिक जांच में बिजली गिरने की पुष्टि हुई है।
यह घटना पूरे गांव में शोक की लहर ला गई। दीपावली की खुशियां मातम में बदल गईं। सरगम एकमात्र भाई था, जबकि योगेश परिवार का इकलौता बेटा था। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में नक्सल प्रभावित होने के कारण बुनियादी सुविधाएं सीमित हैं, जिससे आपात स्थितियों में देरी होती है।