क्या महाराष्ट्र में बाढ़ राहत अभियान से 34 लोगों को बचाया गया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना द्वारा 34 नागरिकों को बचाया गया।
- बाढ़ ने 30 से अधिक जिलों को प्रभावित किया है।
- मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।
- राज्य सरकार ने 2,215 करोड़ रुपए की राहत राशि स्वीकृत की।
- सोलापुर में बाढ़ ने सड़कें और घर डूबा दिए।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
परभणी जिले में भारतीय सेना की अग्निबाज डिवीजन की बाढ़ राहत टुकड़ी ने इंजीनियरिंग टास्क फोर्स के सहयोग से पाथरी तहसील में एक गर्भवती महिला सहित 34 नागरिकों को सुरक्षित बचाया। बचाव कार्य के दौरान घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता भी प्रदान की गई। सेना का यह त्वरित अभियान जान-माल की रक्षा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
जायकवाडी बांध से 3.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के साथ ही मौसम विभाग ने मध्यम से भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। इस स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना नागरिक प्रशासन के साथ पूर्ण समन्वय में सतर्क मोड पर है। दक्षिणी कमांड के नेतृत्व में धाराशिव, परभणी, बीड और सोलापुर जिलों में चार बाढ़ राहत कॉलम तैनात किए गए हैं। इनमें इंजीनियरिंग टास्क फोर्स, चिकित्सा दल और उन्नत उपकरण शामिल हैं।
पिछले पांच दिनों से चल रही बाढ़ ने राज्य के 30 से अधिक जिलों को प्रभावित किया है। सोलापुर में अब तक 4,002 लोगों को बचाया जा चुका है, जबकि 6,500 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ प्रभावित आठ जिलों छत्रपति संभाजीनगर, बीड, हिंगोली, जलना, लातूर, नांदेड़, धाराशिव और परभणी का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने 31.64 लाख किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपए की राहत राशि स्वीकृत की है, जिसमें फसल नुकसान की भरपाई शामिल है।
बीड जिले में एनडीआरएफ ने माजलगांव तहसील के सदस चिंचोली क्षेत्र में एक नवजात शिशु और उसकी मां को बचाया। कुल 28 लोगों को बीड से और 118 को धाराशिव से सुरक्षित निकाला गया। बाढ़ के कारण 195 तहसीलों और 654 राजस्व मंडलों में फसलें बर्बाद हो गईं। सिना नदी का जलस्तर बढ़ने से सोलापुर में सड़कें और घर डूब गए।