क्या महाराष्ट्र में बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन तेज हो गया है?

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट का रद्द करना सरकार की प्राथमिकता है।
- टास्क फोर्स का गठन अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए हुआ है।
- सरकार ने 15 अगस्त तक कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया है।
- कांग्रेस पर किए गए आरोपों का राजनीतिक माहौल पर प्रभाव हो सकता है।
- यह कार्रवाई सभी राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है।
मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है। राज्य सरकार ने उन लोगों के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट रद्द करने का आदेश दिया है, जिन्होंने यह प्रमाणपत्र बनवाए हैं। इस संबंध में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी।
मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अवैध रूप से निवास कर रहे बांग्लादेशियों की पहचान के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। यह टास्क फोर्स यह जांच करेगी कि राज्य में कितने बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी सर्टिफिकेट बनवाए हैं। सभी फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट को रद्द करने का आदेश दिया गया है, और सरकार ने 15 अगस्त तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि हाल ही में संसद में कांग्रेस ने जो बयान दिए थे, उसके लिए 140 करोड़ लोग कांग्रेस को लताड़ चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी 'ऑपरेशन महादेव' के तहत आतंकवादियों को मारने की प्रशंसा हो रही है। अब कांग्रेस को डर है कि अगर ऐसे ऑपरेशन जारी रहे, तो उनकी स्थिति और भी खराब होगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर तेज हमला करते हुए कहा कि अब कांग्रेस को 'महादेव' से भी नफरत हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद में दी गई जानकारी तथ्यात्मक और स्पष्ट थी, लेकिन कांग्रेस इसे छिपाने की कोशिश कर रही है। अब कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बेनकाब हो गई है।