क्या महाराष्ट्र में इंडिया मैरीटाइम वीक-2025 के दौरान 56,000 करोड़ रुपए के 15 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए?
सारांश
Key Takeaways
- 55,969 करोड़ रुपए का निवेश
- 15 एमओयू पर हस्ताक्षर
- समुद्री अर्थव्यवस्था का विकास
- लाखों नौकरियों का सृजन
- इलेक्ट्रिक वेसल का परिचालन
मुंबई, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र ने समुद्री व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में गोरेगांव स्थित नेस्को सेंटर में आयोजित 'इंडिया मैरीटाइम वीक-2025' के दौरान 15 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इन एमओयू के अंतर्गत कुल 55,969 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जो राज्य के बंदरगाह विकास, जहाज निर्माण, समुद्री अनुसंधान और जल परिवहन को नई गति प्रदान करेगा। यह पहल केंद्र सरकार के 'मैरीटाइम इंडिया विजन 2030' और 'अमृत काल विजन 2047' के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक जहाज निर्माण में शीर्ष पांच देशों में स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "ये समझौते महाराष्ट्र को समुद्री अर्थव्यवस्था का हब बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। राज्य में विश्वस्तरीय बंदरगाह, परिवहन और व्यापार सुविधाएं विकसित होंगी, जिससे लाखों नौकरियां पैदा होंगी।"
उन्होंने मुंबई के लिए जल परिवहन की महत्वपूर्णता पर जोर देते हुए बताया कि रो-रो सेवाओं को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। अब गेटवे ऑफ इंडिया और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच वाटर टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जो यात्रा समय को आधा कर देगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक वेसल (ईवी जहाज) बेड़े का परिचालन पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगा। फडणवीस ने वधावन बंदरगाह परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह राज्य के प्रमुख शहरों से सड़क मार्गों से जुड़ेगा और पूरे महाराष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देगा।
इस अवसर पर मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री नितेश राणे भी उपस्थित थे। उन्होंने इसे महाराष्ट्र के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा, "मुख्यमंत्री के विजन ने समुद्री क्षेत्र में अपार अवसर पैदा किए हैं। राज्य जहाज निर्माण नीति, यात्री नौवहन और समुद्री पर्यटन में अग्रणी बन रहा है। ये एमओयू वैश्विक स्तर पर महाराष्ट्र की समुद्री क्षमता को मजबूत करेंगे।"
राणे ने बंदरगाह विकास, जहाज मरम्मत और समुद्री परिवहन में निवेश के नए अध्याय की शुरुआत पर प्रसन्नता व्यक्त की। अन्य उपस्थित अधिकारियों में बंदरगाह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. प्रदीप और एमओयू साइन करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे।