क्या पार्षद पति और सरपंच पति जैसी प्रथाओं को खत्म कर महिलाएं अपने अधिकार प्राप्त कर सकती हैं: सिंधिया

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए।
- सरपंच पति जैसी प्रथाएं समाप्त की जानी चाहिए।
- नारी सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
- बेटियों को समाज का भविष्य माना जाना चाहिए।
- नई योजनाएं पारिवारिक और सामाजिक समर्थन देंगी।
अशोकनगर, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री और गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरपंच पति प्रथा को समाप्त करके महिलाओं को अपने अधिकार हासिल करने होंगे।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के गुना संसदीय क्षेत्र के अशोकनगर में रेवा शक्ति अभियान, हृदय योजना और एकल सेवा पोर्टल की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने नारी सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कई वर्षों से प्रयास किए हैं कि महिलाएं प्रथम पंक्ति में आएं। जब महिलाएं प्रथम पंक्ति में होती हैं, तो पुरुष उन पर काबिज होने की कोशिश करते हैं। इसलिए पार्षद पति, अध्यक्ष पति, सरपंच पति जैसी प्रथाओं को समाप्त करना आवश्यक है और महिलाओं को अपने हक अपने हाथों में लेना होगा। उन्होंने बताया कि वे इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
सिंधिया ने महिलाओं को दूसरी पंक्ति में धकेलने वाली प्रथाओं की आलोचना की और महिलाओं को उनका असली हक दिलाने का संकल्प लिया। उन्होंने बेटियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बेटी केवल परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की पहचान है। जब एक बेटी का जन्म होता है, तो वह केवल घर का नहीं, बल्कि पूरे समाज का भविष्य गढ़ती है।
उन्होंने एकल सेवा पोर्टल, हृदय योजना और रेवा शक्ति अभियान से क्षेत्र को मिलने वाले लाभों को रेखांकित करते हुए कहा कि ये योजनाएं क्षेत्र में सुशासन की नई परिभाषा गढ़ेंगी।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने रेवा शक्ति अभियान के मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि बेटियां बोझ नहीं, वरदान हैं। इस अभियान के अंतर्गत जिले के केवल एक या दो बेटियों वाले परिवारों का पंजीकरण किया गया है। उन्हें विशेष डिजिटल कार्ड दिए जा रहे हैं।
पंजीकृत परिवारों को शिक्षा शुल्क में छूट, स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिकता, छात्रवृत्ति, किराए में रियायत और सामाजिक सम्मान जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इससे बेटियों को पढ़ाई और आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत मंच मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि हजारों कुपोषित बच्चों और गर्भवती माताओं को सुरक्षित मातृत्व और पोषण सेवाएं मिल रही हैं। अब तक 2100 से अधिक माताओं का पंजीकरण और 2000 बच्चों का कुपोषण प्रबंधन किया गया है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पहले दिन से नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। आज केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई 'उज्ज्वला योजना' और 'ड्रोन दीदी' जैसी योजनाओं के चलते हमारी बहनें तकनीक का उपयोग कर खेती-किसानी में हाथ बंटा रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
राष्ट्र प्रेस
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