क्या राहुल गांधी ने चुनाव अधिकारियों को कार्रवाई की हिदायत दी?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने भाजपा और मोदी सरकार पर हमला किया।
- चुनाव अधिकारियों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
- प्रियंका गांधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
- रैली ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण सवाल उठाए।
- चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बताया गया।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की रैली में रविवार को सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने चुनाव अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रैली में कहा कि हमारी विचारधारा, हिंदुस्तान की विचारधारा, हिंदू धर्म और सभी धर्मों की विचारधारा कहती है कि सत्य सबसे महत्वपूर्ण है। हिंदुस्तान में सत्य और असत्य के बीच संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में चुनाव आयोग, भाजपा की सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू, विवेक जोशी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस लड़ाई में ये चुनाव आयुक्त भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयुक्तों को बचाने के लिए कानून में बदलाव किया, जिससे इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। लेकिन याद रखिए, हम इस कानून को बदलेंगे और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि गांधीजी ने कहा था, सत्य सबसे जरूरी है। हमारे धर्म में ‘सत्यम शिवम् सुंदरम्’ और ‘सत्यमेव जयते’ का भी उल्लेख है, लेकिन मोहन भागवत का कहना है कि विश्व सत्य को नहीं, शक्ति को देखता है। जो सत्ता में है, उसे माना जाता है। यह आरएसएस और मोहन भागवत की सोच है। एक ओर हमारा धर्म कहता है कि सत्य सबसे महत्वपूर्ण है, वहीं दूसरी ओर मोहन भागवत का कहना है कि सत्ता महत्वपूर्ण है। आज देश में सत्य और असत्य के बीच संघर्ष चल रहा है। हम सत्य के लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह और आरएसएस की सरकार को हटाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा का आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है क्योंकि उन्हें पता है कि हमारी वोट चोरी पकड़ी गई है। अमित शाह तभी तक बहादुर हैं, जब तक उनके हाथ में सत्ता है।
वहीं कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि आज भाजपा को चुनाव आयोग की आवश्यकता है, क्योंकि इसके बिना नरेंद्र मोदी चुनाव नहीं जीत सकते। हमें चुनाव आयोग के तीन अधिकारियों के नाम नहीं भूलने चाहिए, क्योंकि ये लोग लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पूरा विपक्ष कह रहा है कि चुनाव आयोग पर हमें भरोसा नहीं रहा। चुनाव प्रक्रिया के हर कदम को चुनाव आयोग ने संदिग्ध बना दिया है। आज देश की हर संस्था को मोदी सरकार ने अपने सामने झुका दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं चुनौती देती हूं, भाजपा एक बार बैलेट पेपर पर निष्पक्ष चुनाव लड़ ले। ये कभी नहीं जीत पाएंगे और यह बात भाजपा भी जानती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हालात ये हैं कि पिछले आम चुनाव में मुख्यमंत्रियों को जेल में डाल दिया गया, कांग्रेस का बैंक अकाउंट बंद कर दिया गया, और भ्रष्टाचार के नाम पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का दिल कमजोर था, जो इस दबाव को सहन नहीं कर पाए, वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ऐसे नेताओं को अपने वॉशिंग मशीन में धोकर पाक-साफ बनाती रही।
उन्होंने यह भी कहा कि संसद में जब मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया तो मोदी सरकार ने इसे नहीं माना। अंत में सरकार ने कहा कि हम पहले ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा करेंगे, फिर एसआईआर और वोट चोरी पर बात करेंगे। सदन में हम ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा करते रहे, लेकिन मोदी सरकार में जनता के मुद्दों पर बात करने की हिम्मत नहीं दिखी।