क्या महिलाओं का गलत चित्रण और सनसनीखेज कंटेंट सही है? - पंकित ठक्कर

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का गलत चित्रण और सनसनीखेज कंटेंट का समाज पर नकारात्मक प्रभाव।
- जिम्मेदार और अर्थपूर्ण कंटेंट का निर्माण आवश्यक है।
- सरकार ने 25 ओटीटी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
- सेल्फ-रेगुलेटरी मॉडल की आवश्यकता।
- कानूनी और नैतिक सीमाओं का पालन जरूरी है।
मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टीवी शो 'सारु' में कार्यरत अभिनेता पंकित ठक्कर ने सरकार के उस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें एएलटीटी, उल्लू, डेसीफ्लिक्स सहित 23 अन्य ओटीटी ऐप्स पर अश्लील सामग्री के कारण प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय डिजिटल प्लेटफार्मों के लिए जिम्मेदारी का संदेश है।
पंकित का मानना है कि महिलाओं का गलत चित्रण और सनसनीखेज कंटेंट न केवल कला को प्रभावित करता है, बल्कि समाज को भी गलत संदेश देता है।
फिल्म 'मोह माया' से ओटीटी की दुनिया में कदम रखने वाले इस अभिनेता ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों की रचनात्मक आजादी का सम्मान करना आवश्यक है, लेकिन बच्चों और दर्शकों पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए एक सीमा निर्धारित करनी होगी।
उन्होंने कहा, "लॉकडाउन के बाद से कई ओटीटी प्लेटफार्मों ने कहानी या सामाजिक संदेश के बजाय सनसनीखेज कंटेंट पर जोर दिया। कई बैन हुए ऐप्स में कहानी, थीम या सोशल मैसेज का अभाव था।"
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं का गलत चित्रण और सनसनीखेज कंटेंट न केवल कला को कमजोर करता है, बल्कि समाज को भी गलत संदेश देता है। पंकित ने कहा, "कहानी समाज का एक मजबूत आईना है। हमारी जिम्मेदारी है कि इसका उपयोग समाज को नीचा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि उसे प्रेरित करने और बेहतर बनाने के लिए करें।"
पंकित ने 'कभी सौतन कभी सहेली', 'दिल मिल गए', 'बरसातें - मौसम प्यार का', 'बहू हमारी रजनीकांत' जैसे कई प्रसिद्ध टीवी शो में अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, "दर्शकों की संख्या बढ़ाने की चाहत को हमारे सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिकता के ऊपर नहीं रखना चाहिए। यह 'बैन' एक चेतावनी है कि हमें जिम्मेदार और अर्थपूर्ण कंटेंट बनाने पर ध्यान देना होगा।"
उन्होंने सुझाव दिया कि पूर्ण प्रतिबंध के बजाय उन खास कंटेंट्स पर कार्रवाई होनी चाहिए जो कानूनी और नैतिक सीमाओं का उल्लंघन करते हैं। साथ ही, एक मजबूत सेल्फ-रेगुलेटरी मॉडल, स्पष्ट दिशा निर्देश, और शिकायत निवारण सिस्टम की आवश्यकता है। इससे भारतीय डिजिटल मीडिया का भविष्य सुरक्षित होगा।
25 जुलाई को सरकार ने 25 ओटीटी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें उल्लू, ऑल्ट, डेसीफ्लिक्स, बिग शॉट्स ऐप, बूमेक्स, नवरसा लाइट, गुलाब ऐप, कंगन ऐप, बुल ऐप, जलवा ऐप, वाउ एंटरटेनमेंट, लुक एंटरटेनमेंट, हिटप्राइम, फेनेओ, शोएक्स, सोल टॉकीज, अड्डा टीवी, हॉटएक्स वीआईपी, हलचल ऐप, मूडएक्स, नियोनएक्स वीआईपी, फूगी, मोजफ्लिक्स, ट्राइफ्लिक्स शामिल हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम, 2021 के तहत गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट को हटाना या उसकी पहुंच रोकनी होगी, ताकि भारतीय कानूनों और सांस्कृतिक मानकों का पालन हो।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि यह कदम अश्लील और गैर-कानूनी कंटेंट को रोकने के लिए उठाया गया है, जो भारतीय कानून और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है।