क्या महिलाओं के योगदान से बिहार बंद सफल हुआ? सम्राट चौधरी का आभार

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं ने बिहार बंद को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सम्राट चौधरी ने उनका आभार व्यक्त किया।
- बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया गया।
- इस बंद का उद्देश्य अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ था।
- राज्य में कहीं भी हिंसा की खबर नहीं आई।
पटना, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए गठबंधन के द्वारा आयोजित 'बिहार बंद' का गुरुवार को पूरे प्रदेश में व्यापक प्रभाव पड़ा। इस बंद में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
सम्राट चौधरी ने कहा, "मैं बिहार की माताओं, बहनों और सभी महिलाओं का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा के साथ मिलकर इस बिहार बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाया।"
यह बंद भाजपा महिला मोर्चा ने इंडिया गठबंधन के नेता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में आयोजित किया। महिलाओं में इस मुद्दे को लेकर गहरी नाराज़गी देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा और एनडीए ने महिला मोर्चा की अगुवाई में बिहार बंद की घोषणा की।
इस मौके पर बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी कहा, "महिला मोर्चा ने एनडीए के आह्वान पर पूरे बिहार में बंद का नेतृत्व किया। महिलाओं ने इस अपमान का विरोध किया और राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इंडिया गठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग राजनीतिक मर्यादा और भारतीय संस्कृति का अपमान है।"
जायसवाल ने आगे कहा कि यह बंद पूरी तरह से स्वैच्छिक था और जनता ने स्वेच्छा से इसमें भाग लिया। उन्होंने कहा, "राजनीति में आलोचना, व्यंग्य और कटाक्ष स्वीकार्य हैं, लेकिन गाली-गलौज के लिए कोई स्थान नहीं है। इंडिया गठबंधन के नेताओं को समझना चाहिए कि जनता इस तरह की भाषा को कभी नहीं स्वीकार करेगी। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"
गुरुवार को हुए इस 'बिहार बंद' में सड़कों पर महिलाओं की भारी भागीदारी देखी गई। बाजार, परिवहन और अन्य सेवाओं पर इसका प्रभाव पड़ा, लेकिन कहीं से भी हिंसा या उपद्रव की कोई खबर नहीं आई है।