क्या मलेशिया के पीएम ने संरक्षणवाद और अनिश्चितता से निपटने के लिए सहयोग मांगा?

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क्या मलेशिया के पीएम ने संरक्षणवाद और अनिश्चितता से निपटने के लिए सहयोग मांगा?

सारांश

आसियान शिखर सम्मेलन में मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम ने संरक्षणवाद और अनिश्चितता का सामना करने के लिए सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। इस सम्मेलन में कई प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हो रहे हैं। क्या ये बैठकें वैश्विक सहयोग को प्रगाढ़ बनाएंगी?

Key Takeaways

  • संरक्षणवाद और अनिश्चितता के खिलाफ सहयोग की आवश्यकता है।
  • आसियान के 11वें सदस्य बने तिमोर-लेस्ते
  • 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति।
  • मलेशिया का वर्तमान अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका।
  • बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए अनुकूलनशीलता जरूरी।

कुआलालंपुर, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन का शुभारंभ हो चुका है। इस समिट का उद्घाटन करते हुए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने रविवार को कहा कि विश्व में व्याप्त संरक्षणवाद और अनिश्चितता का सामना करने के लिए अनुकूलनशीलता और सहयोग की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री अनवर ने कहा कि बढ़ता संरक्षणवाद और बदलती आपूर्ति शृंखलाएं हमें याद दिलाती हैं कि लचीलापन अनुकूलनशीलता पर निर्भर है। विभिन्न क्षेत्रों में हम बढ़ती प्रतिस्पर्धा और अनिश्चितता देख रहे हैं। ये विपरीत परिस्थितियां न केवल हमारी अर्थव्यवस्था, बल्कि सहयोग में विश्वास बनाए रखने के हमारे सामूहिक संकल्प की भी परीक्षा लेती हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि विपरीत हालात में भी समझ और संवाद कायम रह सकता है।

47वां शिखर सम्मेलन ऐसे समय में शुरू हुआ है जब दक्षिण-पूर्व एशिया में इसके सदस्यों पर टैरिफ का संकट गहरा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ युद्ध की शुरुआत की थी। राष्ट्रपति ट्रंप इस शिखर सम्मेलन में गेस्ट के रूप में उपस्थित होंगे। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होंगे, बल्कि वर्चुअल माध्यम से इसे संबोधित करेंगे।

गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने मलेशियाई समकक्ष अनवर इब्राहिम से बातचीत की और मलेशिया द्वारा आसियान सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण करने पर उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त कीं और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले दक्षिण पूर्व एशियाई देश तिमोर-लेस्ते इस संगठन का 11वां सदस्य बन गया। आसियान के अन्य सदस्य मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और म्यांमार हैं। मलेशिया आसियान का वर्तमान अध्यक्ष है।

आसियान सम्मेलन में सदस्य देशों के अलावा 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला द सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, जापान की साने ताकाइची, ऑस्ट्रेलिया के एंथनी अल्बानीज और कनाडा के माइक कार्नी भी शामिल हैं।

पीएम अनवर ने कहा कि चुनौतियों का सामना करते हुए आसियान को नई साझेदारियां बनानी होंगी और मौजूदा संबंधों को और गहरा करना होगा। लूला दा सिल्वा और रामफोसा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यह ब्रिक्स और जी20 के साथ संबंधों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी अध्यक्षता इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका कर रहा है।

मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम 26-28 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के नेताओं के साथ-साथ अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और अन्य प्रमुख साझेदार देशों के शीर्ष अधिकारियों की मेजबानी करेंगे। आसियान के 10 सदस्य देशों, जिन्हें आमतौर पर आसियान कहा जाता है,

समूह के बाहर से आमंत्रित लोगों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं। रविवार से शुरू होकर मंगलवार तक चलने वाली बैठकों की सुरक्षा के लिए मलेशियाई राजधानी में 10,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।

Point of View

जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिल सके।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

आसियान शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्या है?
आसियान शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।
कौन से प्रमुख नेता इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं?
इस सम्मेलन में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन और अन्य देशों के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं।