क्या मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला हिंदुत्व और राष्ट्रवादी संगठनों की जीत है?

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी किया गया।
- कृष्णा हेगड़े ने इसे हिंदुत्व की जीत कहा।
- अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने का निर्णय भारत के लिए चुनौती है।
- ब्रिटेन के साथ व्यापार में वृद्धि का अवसर।
- सत्य और न्याय की पुष्टि हुई है।
मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने गुरुवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत के निर्णय का स्वागत किया।
कोर्ट ने इस मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। हेगड़े ने इस न्यायिक निर्णय को हिंदुत्व और राष्ट्रवादी संगठनों की जीत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवा आतंकवाद की अवधारणा, कांग्रेस द्वारा हिंदुओं और संगठनों को बदनाम करने का एक षड्यंत्र था।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, ले. कर्नल पुरोहित और मेजर उपाध्याय जैसे व्यक्तियों को कांग्रेस ने जानबूझकर फंसाया था। कोर्ट का निर्णय इस बात को प्रमाणित करता है कि भगवा आतंकवाद की धारणा केवल एक साजिश थी। यह कांग्रेस की सोची-समझी योजना थी, जो अब सामने आ चुकी है। यह निर्णय हिंदुत्व और राष्ट्रवादी संगठनों की जीत है और सत्य की पुष्टि करता है। मैं खुश हूं, शिवसेना खुश है। जो भी आरोपित थे, वे सभी बरी हो गए हैं।
भारत पर अमेरिका द्वारा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर कृष्णा हेगड़े ने कहा कि अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि भारत और रूस के बीच तेल खरीदने का समझौता हुआ है। अमेरिका इस बात से नाराज है कि भारत रूस से तेल खरीदता है। टैरिफ के निर्णय के बाद मोदी सरकार इसके प्रभावों का विश्लेषण कर रही है और अमेरिका के साथ वार्ता कर रही है ताकि यह टैरिफ वापस लिया जा सके। सरकार सही समय पर निर्णय लेती है और इस बार भी ऐसा ही करेगी।
हेगड़े ने कहा कि भारत की संप्रभुता में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और भारत को किस देश के साथ व्यापार करना है, यह उसका आंतरिक मामला है।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के साथ के समझौते से व्यापार में दोगुना-तिगुना वृद्धि होगी। विशेष रूप से (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बड़ा लाभ होगा, क्योंकि भारत से निर्यातित उत्पादों पर ब्रिटेन अब टैक्स नहीं लगाएगा। इससे भारत का कारोबार बढ़ेगा। वहीं, ब्रिटेन से भारत में होने वाले आयात पर भी कई वस्तुओं पर करों में कमी की गई है। यह करार दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा और व्यापार को नई दिशा देगा।