क्या ममता बनर्जी ने बीरभूम में प्रशासनिक बैठक में 1,142 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया?

सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी ने 1,142 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
- बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
- मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए वित्तीय आवंटन की घोषणा की।
- केंद्र सरकार पर प्रवासी श्रमिकों के अत्याचार का आरोप लगाया।
- भाषा के मुद्दे पर ममता बनीरजी ने स्पष्ट रूप से अपनी राय रखी।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले के इलामबाजार में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पांथ, डीआईजी श्याम सिंह, बीरभूम के जिला अधिकारी विधान राय, और जिला पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता अनुब्रत मंडल, विधि मंत्री मलय घटक, सांसद शताब्दी राय, और राज्यसभा सांसद सामीरुल इस्लाम भी इस बैठक में शामिल हुए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 1,142 करोड़ रुपए की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमें बीरभूम से पश्चिम बर्धमान को जोड़ने वाला अजय नदी पर बना ‘जयदेव’ पुल शामिल है, जिसे 138 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
इसके अलावा, बक्रेश्वर ताप विद्युत केंद्र में 10,000 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत की गई। दक्षिण 24 परगना में डायमंड हार्बर रोड पर एक पुल और उत्तर 24 परगना के बसीरहाट में 10 बिस्तरों वाली डायलिसिस यूनिट का भी उद्घाटन किया गया।
मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए वित्तीय आवंटन की घोषणा करते हुए कहा कि प्रत्येक विधायक अपने फंड से 10 लाख रुपए, सांसद 1 करोड़ रुपए और जिला परिषद व पंचायत समिति अपने विकास कोष से 5 प्रतिशत राशि आवंटित करेंगे। इस धन का उपयोग पूरे राज्य में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए किया जाएगा।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री के आदेश पर बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में अत्याचार हो रहा है।
उन्होंने कहा, "गृह मंत्री के आदेश पर बहुत अत्याचार हो रहा है। असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, जहां भी सरकारें हैं, वहां बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर अत्याचार हो रहा है। जबरन उन्हें डिटेंशन कैंप में डाला जा रहा है, थाने-थाने भटकाया जा रहा है। मैंने इसका विरोध किया है।"
ममता बनर्जी ने आगे कहा, "नए सिरे से मतदाता सूची में नाम जोड़ने के नाम पर एनआरसी लागू करने की साजिश की जा रही है। अगर किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है, तो विरोध करें। बंगाल की जनता भाजपा को बर्दाश्त नहीं करेगी।"
भाषा के मुद्दे पर फिर एक बार मुखर होकर ममता बनर्जी ने कहा, "बांग्ला भाषा पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रवींद्रनाथ, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, नेताजी, काजी नजरुल इस्लाम, मातंगिनी हाजरा, इन महान विभूतियों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।"