क्या किसी भी लोकतंत्र में कानून को अपना काम करना चाहिए? : ममता बनर्जी

सारांश
Key Takeaways
- कानून को अपना काम करना चाहिए।
- प्रधानमंत्री ने बिना सबूत के तृणमूल कांग्रेस को दोषी ठहराया।
- राजनीतिकरण का प्रयास निंदनीय है।
- जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है।
- बंगाल की एकता को बनाए रखना चाहिए।
कोलकाता, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सहायता में जुटे भाजपा सांसद खगेन मुर्मु और विधायक शंकर घोष पर हुए हमले की कठोर निंदा की। उन्होंने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की असंवेदनशीलता और राज्य की कमजोर कानून-व्यवस्था को उजागर करता है। इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का निर्णय लिया है, जब उत्तर बंगाल के लोग विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के प्रभावों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब पूरा स्थानीय प्रशासन और पुलिस राहत कार्यों में व्यस्त हैं, तब भाजपा के नेताओं ने केंद्रीय बलों की सुरक्षा में प्रभावित क्षेत्रों में जाने का निर्णय लिया, और वह भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को बिना किसी पूर्व सूचना के। ऐसे में राज्य प्रशासन, स्थानीय पुलिस या तृणमूल कांग्रेस को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
सीएम ममता ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने बिना किसी सत्यापित सबूत, कानूनी जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट के सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल सरकार को दोषी ठहराया है। यह केवल एक राजनीतिक पतन नहीं है, बल्कि उस संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन भी है, जिसकी रक्षा करने की शपथ प्रधानमंत्री ने ली है। किसी भी लोकतंत्र में कानून को अपना काम करना चाहिए, और केवल उचित प्रक्रिया ही दोषसिद्धि का निर्धारण कर सकती है- किसी राजनीतिक मंच से किया गया ट्वीट नहीं।
उन्होंने कहा कि यह घटना उस निर्वाचन क्षेत्र में हुई है जहां जनता ने स्वयं एक भाजपा विधायक को चुना है। फिर भी, प्रधानमंत्री को इस घटना को टीएमसी की तथाकथित 'मजबूती' का प्रतीक बताने में कोई विरोधाभास नहीं दिखता। इस तरह के व्यापक और निराधार सामान्यीकरण न केवल अपरिपक्व हैं, बल्कि देश के सर्वोच्च पद के लिए भी अशोभनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हां, हम सभी हिंसा की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, लेकिन यह पक्षपातपूर्ण प्रशंसा का समय नहीं है। यह मदद करने और घाव भरने का समय है। यह भी स्पष्ट है कि भाजपा चुनावों से पहले लोगों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करती हूं कि निर्वाचित राज्य सरकार को सुनें, न कि केवल अपने पार्टी सहयोगियों को। आप भारत के प्रधानमंत्री हैं, न कि केवल भाजपा के। आपकी जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण में है, न कि कथा-निर्माण में। इस नाजुक समय में आइए हम मतभेदों को और गहरा न करें। आइए, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर एकजुट होकर उनकी सेवा करें जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। आइए, राजनीति को किसी और दिन के लिए छोड़ दें।