क्या मणिपुर के गवर्नर ने पुलिस को ड्रोन और एआई टूल्स से निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया?

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क्या मणिपुर के गवर्नर ने पुलिस को ड्रोन और एआई टूल्स से निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया?

सारांश

मणिपुर के गवर्नर ने पुलिस को ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरणों के माध्यम से निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। यह कदम नशा-मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे कानून व्यवस्था और सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है।

Key Takeaways

  • गवर्नर अजय कुमार भल्ला ने पुलिस को ड्रोन और एआई तकनीकों का निर्देश दिया।
  • यह नशा-मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण पर जोर दिया गया।
  • कानून व्यवस्था और सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रणनीतियाँ बनाई गईं।
  • बैठक में राजीव सिंह और अन्य उच्चाधिकारी शामिल हुए।

इंफाल, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला (पूर्व केंद्रीय गृह सचिव) ने सोमवार को राज्य पुलिस प्रशासन को उन्नत तकनीकों का उपयोग करके निगरानी को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। इसमें ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरणों का विशेष उल्लेख किया गया।

यह निर्देश नशा-मुक्त समाज की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यपाल ने गृह और पुलिस विभागों के राज्य-स्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी।

बैठक में मणिपुर पुलिस के डीजीपी राजीव सिंह ने गवर्नर को रायपुर (छत्तीसगढ़) में 28-30 नवंबर को आयोजित डीजीपी/आईजीपी कॉन्फ्रेंस 2025 की चर्चाओं और उनके परिणामों की जानकारी दी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सिफारिशें शामिल थीं।

गवर्नर ने पुलिस कर्मियों के लिए व्यक्तिगत प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर दिया।

पूर्व केंद्रीय गृह सचिव ने बैठक में चर्चा के दौरान पुलिस कर्मियों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया।

पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन का उल्लेख करते हुए, मणिपुर के डीजीपी ने कानून और व्यवस्था को मजबूत करने, आतंकवाद विरोधी, वामपंथी उग्रवाद, एनकॉर्ड (नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर), आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा, फोरेंसिक का बेहतर उपयोग, महिलाओं की सुरक्षा, बड़े आंदोलनों को संभालने और भारत से भागे भगोड़ों को वापस लाने के रोडमैप जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।

डीजीपी सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के 'नशा मुक्त भारत' और केंद्रीय गृह मंत्री शाह के राष्ट्रीय सुरक्षा पर की गई चर्चाओं से मिली जानकारी भी साझा की।

नशा मुक्त समाज की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राज्यपाल ने पुलिस प्रशासन को ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित उपकरणों सहित उन्नत तकनीकों के माध्यम से निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया।

उन्होंने पुलिस कर्मियों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया।

सोमवार के सम्मेलन में कमिश्नर-सह-सचिव (गृह) एन. अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और मणिपुर के सभी 16 जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।

डीजी/आईजी का 60वां अखिल भारतीय सम्मेलन 28-30 नवंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया, जहां आंतरिक सुरक्षा, उभरते खतरों और चुनौतियों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं।

Point of View

यह निर्देश मणिपुर में कानून व्यवस्था और सुरक्षा को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास प्रतीत होता है। उन्नत तकनीकों का प्रयोग निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हमें आशा है कि इस पहल से नशा-मुक्त समाज की दिशा में प्रगति होगी।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

गवर्नर ने पुलिस को कौन सी तकनीकों का उपयोग करने का निर्देश दिया?
गवर्नर ने पुलिस को ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों का उपयोग करने का निर्देश दिया।
यह निर्देश किस उद्देश्य से दिया गया है?
यह निर्देश नशा-मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में दिया गया है।
बैठक में और कौन-कौन से लोग शामिल थे?
बैठक में कमिश्नर-सह-सचिव (गृह) एन. अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, और मणिपुर के सभी 16 जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल थे।
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