क्या मणिपुर की सरकार ने 'कारगिल विजय दिवस' पर श्रद्धांजलि अर्पित करके शांति और विकास की प्रतिबद्धता दोहराई?

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क्या मणिपुर की सरकार ने 'कारगिल विजय दिवस' पर श्रद्धांजलि अर्पित करके शांति और विकास की प्रतिबद्धता दोहराई?

सारांश

मणिपुर सरकार ने 'कारगिल विजय दिवस' पर भारतीय सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करते हुए शांति और विकास की प्रतिबद्धता दोहराई। इस कार्यक्रम में राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। क्या यह मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत है?

Key Takeaways

  • 1999
  • राज्यपाल
  • विस्थापितों के लिए विकासात्मक पहल
  • 'ऑपरेशन सिंदूर' का महत्व
  • सुरक्षा प्रयासों का विस्तार

इंफाल, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर सरकार ने 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदान को सम्मानित करने के लिए राजधानी इंफाल के पैलेस कंपाउंड में स्थित एमएसएफडीएस सभागार में 'कारगिल विजय दिवस' समारोह आयोजित किया।

'कारगिल विजय दिवस' कार्यक्रम में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला मुख्य अतिथि के रूप में और पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे।

अपने भाषण में, राज्यपाल भल्ला ने कारगिल युद्ध के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "भारत आतंकवाद और युद्ध के सभी कृत्यों के खिलाफ अपनी अखंडता और संप्रभुता की हमेशा रक्षा करेगा।"

उन्होंने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सात मणिपुर के सैनिकों की बहादुरी को याद किया और विशेष रूप से बीएसएफ जवान दीपक चिंकरकम के सर्वोच्च बलिदान को मान्यता दी।

राज्य सरकार ने उनके छोटे भाई चिंकरकम नौबा सिंह को मणिपुर पुलिस में सहायक निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया है।

राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के जवाब में 7 मई 2025 को शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का भी उल्लेख किया, जिससे भारत के आतंकवाद-विरोधी रुख की पुष्टि हुई।

राज्य में चल रही जातीय अशांति पर चर्चा करते हुए, उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार शांति, विस्थापितों के पुनर्वास और जबरन वसूली नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है। हथियारों की बरामदगी, गहन अभियान और जबरन वसूली विरोधी हेल्पलाइनों की स्थापना जैसे उपायों को सुरक्षा प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा गया।

'स्कूल चले हम' जैसी विकासात्मक पहलों, विस्थापितों के लिए रोजगार प्रशिक्षण, और स्वयं सहायता समूहों के सशक्तीकरण को जीवन के पुनर्निर्माण के महत्वपूर्ण कदमों के रूप में रेखांकित किया गया।

राज्यपाल ने हमारे बहादुर सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए मणिपुर को एक स्थिर, समावेशी और गौरवशाली राज्य के रूप में पुनर्निर्माण के लिए एकता, शांति और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित किया।

Point of View

मणिपुर सरकार का यह कदम शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हैं।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है।
इस वर्ष मणिपुर में कारगिल विजय दिवस कैसे मनाया गया?
मणिपुर में कारगिल विजय दिवस को राज्यपाल और पुलिस महानिदेशक की उपस्थिति में मनाया गया।
राज्यपाल ने किस बात पर जोर दिया?
राज्यपाल ने शांति और विकास की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।