क्या मणिपुर के शहीद असम राइफल्स के दो वीरों को मिलती है श्रद्धांजलि?

सारांश
Key Takeaways
- वीरता का परिचय देने वाले जवानों को याद करना चाहिए।
- सरकार ने शहीदों के परिवारों की सहायता का आश्वासन दिया है।
- घटना के प्रति सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
इंफाल, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नाम्बोल सबल लेइकेई में शुक्रवार को अज्ञात उग्रवादियों के घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के दो वीर जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों को शनिवार को इंफाल के मंत्रीपुखरी गैरिसन में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्यालय महानिरीक्षक असम राइफल्स (दक्षिण) के तत्वावधान में आयोजित इस मार्मिक समारोह में नायब सूबेदार (स्वर्गीय) श्याम गुरुंग (59) और राइफलमैन (स्वर्गीय) रणजीत सिंह कश्यप (36) के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि चढ़ाई गई। लगभग 150 सैनिकों, पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
दोनों वीर जवान इंफाल घाटी में बाढ़ राहत अभियान से लौट रहे थे। 19 सितंबर को शाम करीब 5:50 बजे, जब 33 असम राइफल्स का काफिला एनएच-2 पर नाम्बोल सबल लेइकेई क्षेत्र से गुजर रहा था, तभी अज्ञात उग्रवादियों ने घात लगाकर गोलीबारी शुरू कर दी। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, शहीदों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इसमें वे शहीद हो गए। हमले में पांच अन्य जवान घायल हुए, जिन्हें इंफाल के क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया। सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
समारोह में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप में श्रद्धांजलि दी। असम राइफल्स महानिदेशालय (डीजीएआर), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और मणिपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। असम राइफल्स के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "हम अपने शहीदों को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
मणिपुर सरकार ने शहीदों के परिवारों को 50-50 लाख रुपए और घायलों को 10 लाख रुपए के अनुदान की घोषणा की। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घटना की कड़ी निंदा की और उग्रवादियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। राज्यपाल भल्ला ने कहा, "ये वीर सैनिक राष्ट्र की रक्षा में अमर हो गए।"