क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने बढ़ाई गई?

Click to start listening
क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने बढ़ाई गई?

सारांश

राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। इस प्रस्ताव के पीछे मणिपुर में बढ़ती अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की समस्याएं हैं। जानें इस प्रस्ताव के पीछे के कारण और संसद में जारी हंगामे के बारे में।

Key Takeaways

  • मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने बढ़ाई गई।
  • यह प्रस्ताव 5 अगस्त 2025 को राज्यसभा में पेश किया गया।
  • मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
  • राज्यसभा में हंगामे के बीच यह प्रस्ताव पारित हुआ।
  • इस प्रस्ताव से मणिपुर के राजनीतिक परिदृश्य पर असर पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव में मणिपुर में लागू राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने और बढ़ाने की अनुमति मांगी गई। पहले से राष्ट्रपति शासन लागू है और इसे अब अगले छह महीने के लिए और बढ़ाया जाएगा। भारी हंगामे के बीच सदन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

राज्यसभा में प्रस्तुत यह प्रस्ताव 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत जारी अधिसूचना से संबंधित है। इस अधिसूचना के तहत राष्ट्रपति शासन की निरंतरता बनाए रखने के लिए यह प्रस्ताव था। अब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से अगले छह महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।

इस प्रस्ताव में कहा गया है, “यह सदन मणिपुर राज्य के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा 13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत जारी की गई उद्घोषणा की प्रभावशीलता को 13 अगस्त 2025 से आगे छह माह की अवधि के लिए बनाए रखने की स्वीकृति देता है।”

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा सदन में यह प्रस्ताव रखे जाने के बाद उप सभापति ने इसे चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। इस दौरान सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू (एसआईआर) पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि मतदाता सूची के गहन रिव्यू के माध्यम से कई लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसद संसद में नारे लगाते रहे। कांग्रेस समेत विपक्ष के अधिकांश सांसदों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। इसी हंगामे के बीच यह प्रस्ताव पारित किया गया।

महत्वपूर्ण है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए फरवरी 2025 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। इस राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त होने से पहले इसे आगे बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक है। 13 फरवरी 2025 को भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की थी। संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद यह राष्ट्रपति शासन छह महीने तक वैध है। 13 अगस्त 2025 को इसकी अवधि समाप्त हो रही है, इसलिए इसे आगे बढ़ाने का प्रस्ताव संसद में रखा गया। यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया।

गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले कुछ वर्षों से जातीय संघर्ष, कानून-व्यवस्था की समस्याएं और राजनीतिक अस्थिरता चल रही है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है। राज्यसभा में यह प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मणिपुर की स्थिति गंभीर है। राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाना एक जरूरी कदम हो सकता है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार स्थायी समाधान निकाले। विपक्ष की चिंताएं भी महत्वपूर्ण हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लोकतंत्र का सम्मान हो और सभी नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रहें।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ था?
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी 2025 को लागू किया गया था।
राज्यसभा में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव कब पेश किया गया?
राज्यसभा में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव 5 अगस्त 2025 को पेश किया गया।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की नई अवधि कब तक है?
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की नई अवधि 13 अगस्त 2025 से शुरू होकर अगले छह महीने तक होगी।
राज्यसभा में इस प्रस्ताव के दौरान क्या हुआ?
राज्यसभा में इस प्रस्ताव के दौरान भारी हंगामा हुआ और विपक्ष ने मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा की मांग की।
क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाना सही है?
यह विवादास्पद है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार के लिए यह एक आवश्यक कदम हो सकता है।