क्या मनरेगा में सुधार करके 'विकसित भारत जी-राम जी' बिल लाया गया? विवेक ठाकुर की राय
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदला गया है।
- 125 दिन की रोजगार गारंटी प्रदान की गई है।
- राज्य की सहभागिता में बढ़ोतरी होगी।
- विपक्ष को योजना की गहराई से समझने की आवश्यकता है।
- ग्राम पंचायत का विकास प्राथमिकता है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम 'विकसित भारत जी-राम जी' करने पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस पर भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने इसे एक सुधारात्मक प्रक्रिया बताया।
भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "मनरेगा योजना का नाम महात्मा गांधी से जोड़ा गया था, लेकिन इसका समय पर नवीनीकरण आवश्यक था। विपक्ष इस मुद्दे को गहराई से नहीं समझ रहा है। समय के साथ सुधार होना चाहिए। पुराने निर्णय आज के संदर्भ में उचित नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "पहले मनरेगा योजना में 100 दिन के रोजगार की गारंटी की जाती थी, लेकिन अब विकसित भारत जी-राम जी का जो बिल आया है, उसमें 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। यह एक आवश्यक कदम था। राज्य की सहभागिता भी बढ़ेगी।"
विवेक ठाकुर ने कहा, "यदि प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाए तो ग्राम पंचायत अवश्य विकसित होगी। विपक्ष को इसे गंभीरता से समझना चाहिए। इस योजना में वित्तीय संसाधन की कोई कमी नहीं है। यदि इसका सही ढंग से उपयोग किया जाए तो निश्चित रूप से विकसित ग्राम का निर्माण होगा।"
उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष के विरोध पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "एसआईआर मुद्दा नहीं है। विपक्ष केवल तमाशा कर रहा है। फर्जी वोटिंग किसी भी लोकतांत्रिक देश में स्वीकार्य नहीं हो सकती।"
विवेक ठाकुर ने नियुक्ति पत्र समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला का हिजाब खींचने को लेकर हो रहे विवाद पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "हर चीज को एक लेंस से देखना अनिवार्य नहीं है। यदि नियुक्ति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है और प्राप्तकर्ता अपना चेहरा दिखा रहा है, तो इसे सामान्य रूप से लिया जा सकता है।"