क्या मानसून में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए खानपान का ध्यान रखें।
- स्वच्छता को बनाए रखें और हाथ धोने की आदत डालें।
- सुरक्षित पानी पिलाने की आदत डालें।
- मच्छरों से सुरक्षा के उपाय अपनाएं।
- बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।
नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मानसून का मौसम ठंडी हवाएं, हरियाली और सुकून की फुहारें लाता है, लेकिन इसके साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, विशेषकर छोटे बच्चों के लिए। बारिश की बूंदें बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला सकती हैं, लेकिन नमी, गंदगी और बार-बार बदलता मौसम बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह संक्रमण और वायरल बुखार जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है, इसलिए पेरेंट्स को बच्चों की देखभाल के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए। मानसून में बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
खानपान का ध्यान रखें: बच्चों की इम्युनिटी सामान्यत: कमजोर होती है, और मानसून में यह और अधिक प्रभावित हो सकती है। इसलिए खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस मौसम में बाहर का खाना और अधिक तला-भुना खाना देने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे फूड पॉइजनिंग और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। घर का बना गर्म और हल्का खाना देना हमेशा फायदेमंद रहता है। आयुर्वेद में तुलसी, अदरक और हल्दी जैसे तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, इसलिए इन्हें खाने में शामिल करें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें: मानसून में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से बढ़ते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। बच्चों को हाथ-पैर धोने की आदत डालें, विशेषकर बाहर से आने के बाद और खाने से पहले। नाखून छोटे रखें और उनके खिलौनों को भी समय-समय पर साफ करें। यदि बच्चा स्कूल जाता है, तो उसके टिफिन बॉक्स, वॉटर बॉटल, और स्टेशनरी की सफाई का ध्यान रखें।
साफ और सुरक्षित पानी दें: मानसून के दौरान जलजनित रोग जैसे टाइफाइड, हैजा और पीलिया तेजी से फैलते हैं। बच्चों को हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया गया पानी ही दें। यदि वे स्कूल या ट्यूशन जा रहे हैं तो उनके साथ स्वच्छ पानी की बोतल भेजें। बाहर का पानी पीने से बच्चों को डायरिया या पेट में संक्रमण होने का खतरा रहता है।
मच्छरों से सुरक्षा: बारिश के मौसम में जलभराव होता है, जिससे मच्छर तेजी से पनपते हैं और डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। बच्चों को फुल स्लीव कपड़े पहनाएं और मच्छरदानी का उपयोग करें। घर के आसपास सफाई रखें और पानी जमा न होने दें।