क्या बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा?

सारांश
Key Takeaways
- मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष किया।
- मतदाता पुनरीक्षण चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
- जमुई में 170 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं हैं।
- जनसंवाद कार्यक्रम का उद्देश्य जनता को योजनाओं से अवगत कराना है।
- प्रशांत किशोर पर भी मंत्री ने टिप्पणी की।
जमुई, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण कार्य के विरोध पर कहा कि वे लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। यह एक प्रक्रिया है।
जमुई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव बहुत पढ़े-लिखे नहीं हैं; जो उन्हें कहा जाता है, वही वे बोलते हैं। उन्होंने दलितों और अति पिछड़ों के मतदाता सूची से नाम काटने के विपक्ष के आरोपों पर कहा कि दलित और अति पिछड़ा समाज हमारे वोटर हैं। क्या हम अपने ही वोटर का नाम कटवाना चाहेंगे? मतदाता सूची में न नाम कटवाते हैं और न जुड़वाते हैं। यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। जहां भी चुनाव होते हैं, वहां आयोग की ओर से यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। वास्तव में, मंत्री अशोक चौधरी जनसंवाद कार्यक्रम में भाग लेने जमुई पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो कार्यक्रम किए थे, आज उसी का जनसंवाद था। हमारी कोशिश है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और जिन योजनाओं पर काम किया जा रहा है, उनके बारे में जनता को बताया जाए। क्योंकि लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जमुई विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विभागों की लगभग 170 करोड़ रुपये की योजना है। हमारी कोशिश है कि चुनाव की घोषणा से पहले इन सभी योजनाओं को प्रारंभ कर दिया जाए, जिससे जनता में विश्वास हो कि हमारा काम हो रहा है। आने वाले समय में मुख्यमंत्री इन योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। सभी योजनाओं की घोषणा पहले ही हो चुकी है।
इधर, जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के दबाव में आकर पेंशन की राशि बढ़ाए जाने को लेकर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "उनसे पढ़ा-लिखा आदमी इस धरती पर और कोई नहीं है। वही सबको ज्ञान देते हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार को भी वही ज्ञान देते हैं और तमिलनाडु और यूपी को भी यही बताते हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री को भी वही ज्ञान देते हैं। इसके लिए उन्हें साधुवाद। इस तरह की राजनीति उन्हीं को मुबारक।"