क्या मसूरी की मॉल रोड अब 'आंदोलनकारी मॉल रोड' कहलाएगी? सीएम धामी की बड़ी घोषणाएं

सारांश
Key Takeaways
- मसूरी की मॉल रोड का नाम बदलकर 'आंदोलनकारी मॉल रोड' रखा गया।
- मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- वेंडर जोन बनाने की घोषणा की गई।
- उत्तराखंड के विकास के लिए नई नीतियों की घोषणा।
- शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
मसूरी, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 31वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कई ऐतिहासिक घोषणाएं की। भारी बारिश के बीच आयोजित समारोह में उन्होंने मसूरी की मॉल रोड का नाम बदलकर 'आंदोलनकारी मॉल रोड' करने का ऐलान किया। यह सड़क उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए हुए आंदोलन को समर्पित होगी।
इस महत्वपूर्ण घोषणा से वहां मौजूद लोगों में गर्व के साथ उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक पर बलबीर सिंह नेगी, बेलमती चौहान, हंसा धनाई, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी और मदान मोहन ममगई को नमन किया।
उन्होंने 2 सितंबर 1994 को उत्तराखंड के इतिहास का 'काला दिन' बताते हुए कहा कि निहत्थे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगी और उत्तराखंड को सशक्त, पारदर्शी व संस्कृति से समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज की तारीख में इन्हीं बलिदानों की वजह से उत्तराखंड का अस्तित्व हम लोग देख पा रहे हैं। यदि ये लोग नहीं होते, तो आज हम उत्तराखंड का अस्तित्व नहीं देख पाते।
मसूरी के पटरी व्यापारियों के लिए भी मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने वेंडर जोन बनाने की घोषणा की, जिससे व्यापारियों को स्थायी जगह, सम्मानजनक आजीविका और सुरक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा, "ये व्यापारी हमारे शहर की आत्मा हैं, इनके रोजगार को संरक्षित करना हमारा दायित्व है।"
इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी के विकास के लिए कई मांगें उठाईं। सीएम ने आरक्षण, पेंशन, मुफ्त शिक्षा और नकल विरोधी कानून जैसे कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर ले जा रही है।
ये घोषणाएं न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मान देती हैं, बल्कि मसूरी के विकास और सामाजिक उत्थान की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हैं।