क्या देशभर में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर आपत्ति जताएंगे विपक्षी सांसद? : अरविंद सावंत

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची पुनरीक्षण का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग हो सकता है।
- निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना आवश्यक है।
- विपक्षी दलों का एकजुट होना राजनीति में महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने शनिवार को निर्वाचन आयोग को गुलाम करार दिया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आयोग आखिर किसके इशारे पर कार्य कर रहा है? यह स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चिंता जताई है कि यह अभी केवल बिहार और बंगाल तक सीमित है। लेकिन मैं यह कहने में विश्वास रखता हूं कि आने वाले समय में यह प्रक्रिया पूरे देश में शुरू होने वाली है, इसलिए हम सभी विपक्षी दलों के सांसद इसका विरोध करने के लिए एकजुट हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण का सहारा लेकर ये लोग राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे हम किसी भी हाल में स्वीकार नहीं कर सकते। इन लोगों ने जानबूझकर मतदाता सूची में मृत व्यक्तियों के नाम शामिल किए हैं और फिर यह कहकर गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं कि मतदाता सूची में त्रुटियां हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बन गई कि उन्हें बैठक करनी पड़ी? पूरी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। मौजूदा शासनकाल में राज्य की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। यह सरकार सब कुछ अपने तरीके से चलाने की कोशिश कर रही है, जो कि उचित नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में बैठे लोग महाराष्ट्र की प्रतिभा को खत्म कर रहे हैं। सभी भ्रष्ट लोग अब मंत्री बन चुके हैं। लेकिन, दुख की बात यह है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आखिर यह सब महाराष्ट्र में क्या हो रहा है? इन सबकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बनती है, लेकिन वह अपने कर्तव्यों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे कोई भी निर्णय अमित शाह की अनुमति के बिना नहीं लेते। एकनाथ शिंदे की पार्टी पूरी तरह से अमित शाह के नियंत्रण में है। अब महाराष्ट्र की जनता सब कुछ समझ रही है। पहले इन लोगों ने सोचा कि वे महाराष्ट्र की जनता को बेवकूफ बना देंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। राज्य की जनता अब इन लोगों के झांसे में नहीं आने वाली। मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि चुनाव आयोग का कोई अधिकारी सच बोलने की हिम्मत जुटाएगा। आयोग का अधिकारी एक दिन जरूर इनकी पोल खोल देगा। भाजपा केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है। ये लोग धर्म के आधार पर राजनीति कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इसी क्रम में, उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट मामले पर भी बात की और कहा कि जब अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, तो ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि इस मामले में असली आरोपी कौन है?