मतदाताओं के पते में 'जीरो' नंबर क्यों हैं? राहुल गांधी के आरोप पर सीईसी का स्पष्टीकरण

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मतदाताओं के पते में 'जीरो' नंबर क्यों हैं? राहुल गांधी के आरोप पर सीईसी का स्पष्टीकरण

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के 'हाउस नंबर 0' पर आरोपों का खंडन किया। सीईसी ने स्पष्ट किया कि जिनके पास मकान नंबर नहीं है, उनके लिए 'जीरो' नंबर होना सामान्य है। यह स्थिति कई नागरिकों की वास्तविकता को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची में 'जीरो' नंबर होना सामान्य है।
  • आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन किया है।
  • गरीब मतदाताओं के अधिकारों का सम्मान आवश्यक है।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने रविवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोट चोरी' और मतदाता सूची में 'हाउस नंबर 0' से जुड़े आरोपों को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जहां मकान नंबर निर्धारित नहीं होते, वहां मतदाता सूची में 'हाउस नंबर 0' दर्ज किया जाता है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मतदाता सूची में मकान नंबर होना आवश्यक है, लेकिन जिन नागरिकों के पास मकान नंबर नहीं है, उन्हें फर्जी मानना अनुचित है।

उन्होंने कहा, "किसी ने कहा था कि 80 हजार लोगों के 'हाउस नंबर 0' हैं और इसलिए वे फर्जी हैं। अगले दिन कई मतदाता सामने आए और उन्होंने बताया कि हम यहाँ निवास करते हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इस देश में करोड़ों लोगों के पते के आगे जीरो नंबर लिखा हुआ है, क्योंकि जिन घरों में वे रहते हैं, पंचायत और नगर पालिकाओं ने उनका नंबर नहीं दिया है। शहरी क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां हैं, जहाँ उनके मकान पर नंबर नहीं है। ऐसे में वे अपने पते में क्या भरें? आयोग के निर्देश कहते हैं कि यदि कोई मतदाता इस देश में है तो ईसीआई उसके साथ है और उसे नॉशनल नंबर (काल्पनिक संख्या) प्रदान करेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "जब मतदाता सूची में जानकारी कंप्यूटर के माध्यम से दर्ज की जाती है, तो बिना मकान नंबर वाले पते में 'जीरो' प्रदर्शित होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह मतदाता फर्जी है। इसी तरह जिन लोगों के पास घर नहीं होता और उनके बावजूद उनका नाम मतदाता सूची में होता है। ऐसे में उनका पता वही दिया जाता है, जहाँ वह व्यक्ति रात में सोने आता है। इसके बावजूद भी यह कहना कि वह फर्जी मतदाता है, हमारे देश के गरीब मतदाताओं के साथ बड़ा अन्याय है।"

Point of View

बल्कि सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को भी उजागर करता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हर मतदाता की आवाज़ सुनी जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'जीरो' नंबर वास्तव में मतदाता फर्जी हैं?
नहीं, 'जीरो' नंबर का होना उन नागरिकों के लिए सामान्य है जिनके पास मकान नंबर नहीं है।
क्या आयोग ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई की है?
आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे मतदाताओं के साथ खड़ा है और आवश्यक समर्थन प्रदान करेगा।