क्या है विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर, जहां यमराज की पूजा से आयु बढ़ती है?

सारांश
Key Takeaways
- यमराज की पूजा से आयु में वृद्धि होती है।
- यमराज और यमुना की पूजा एक साथ होती है।
- इस मंदिर में आने से आत्मिक शांति मिलती है।
- भाई दूज के दिन विशेष पूजा का महत्व है।
- यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर साल आते हैं।
मथुरा, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आपने कभी यमराज की पूजा या उनके मंदिर के बारे में सुना है? अधिकांश लोगों का मानना है कि यमराज की पूजा करने से व्यक्ति की मृत्यु जल्दी हो जाती है। लेकिन, एक ऐसा मंदिर है, जहां यमराज की पूजा करने से जीवन काल में वृद्धि होती है।
हम यहां बात कर रहे हैं, मथुरा की पवित्र भूमि पर स्थित यमराज मंदिर की, जिसे यमुना यमराज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां यमराज और उनकी बहन यमुना की एक साथ पूजा की जाती है।
मंदिर में मां यमुना चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं और यमराज आशीर्वाद मुद्रा में दिखते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल पूजा करते हैं, बल्कि लंबी आयु और सुख-समृद्धि की भी कामना करते हैं।
मान्यता है कि यमराज की सच्चे मन से पूजा करने पर न केवल मृत्यु का भय दूर होता है, बल्कि आयु भी बढ़ती है।
इस मंदिर से जुड़ी एक रोचक पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने मथुरा आए थे। बहन ने उनका आदर किया और उन्हें 56 भोग का प्रसाद दिया। प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भी भाई दूज के दिन यमुना स्नान करेगा और यमराज की पूजा करेगा, उसकी आयु लंबी होगी।
एक अन्य कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया, तब यमराज वहां आए। लेकिन ब्रह्माजी के आदेश से, यमराज किसी भी जीवित मनुष्य के सामने नहीं आ सकते थे। इससे यमराज दुखी हो गए।
श्रीकृष्ण ने उनकी भावनाओं को समझा और कहा कि इस स्थान पर उनका एक मंदिर बनेगा, जहां लोग आयु वृद्धि के लिए उनकी पूजा करेंगे।
तब से यह मंदिर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का अद्भुत स्थल बन गया। हर साल भाई दूज और कार्तिक माह में हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
कहा जाता है कि इस मंदिर में एक बार पूजा करने से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है, और व्यक्ति को आत्मिक शांति मिलती है।