क्या कान्हा की नगरी से संवरेगा 'गोपाल वन'?

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल वन का आयोजन 27 जुलाई को मथुरा में होगा।
- योगी सरकार ने इसे उत्सव के रूप में मनाने का निर्देश दिया है।
- विशिष्ट वनों की स्थापना का कार्य विभिन्न प्रभागों द्वारा किया जा रहा है।
- यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है।
- जनप्रतिनिधियों और स्कूली बच्चों का सहयोग भी प्राप्त होगा।
मथुरा, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 9 जुलाई को एक ही दिन में 37.21 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण करने वाला यूपी अब विशिष्ट वनों की भी स्थापना कर रहा है। इसके लिए विभिन्न प्रभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 27 जुलाई को गोपाल की नगरी मथुरा में 'गोपाल वन' की स्थापना का मुख्य आयोजन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य स्तरीय आयोजन को उत्सव के रूप में मनाने का निर्देश दिया है। मथुरा में मुख्य आयोजन के बाद पूरे प्रदेश में गोपाल वन स्थापित किया जाएगा।
गोपाल वन का मुख्य आयोजन मथुरा के राल में छठीकरा गोवर्धन रोड स्थित ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा गोशाला में होगा। यहां चारा प्रजाति का पौधारोपण किया जाएगा। इसके बाद 'गोशाला में वन के संवर्धन' पर संगोष्ठी का आयोजन होगा, जिसमें स्कूली बच्चों की भी सहभागिता होगी। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोपाल वन की स्थापना में संत समाज और गोपालकों को जोड़ने का निर्देश दिया है।
हर साल की तरह इस वर्ष भी योगी सरकार विशिष्ट वाटिका स्थापित कर रही है। अब तक एकलव्य वन, त्रिवेणी वन, ऑक्सी वन, शक्ति वन, सहजन भंडारा कार्यक्रम, त्रिवेणी वन आदि स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं, 2025 के वर्षा काल में अटल वन, गोपाल वन, पवित्र धारा पौधारोपण, भाई-बहन पौधारोपण, शौर्य वन, एक पेड़ गुरु के नाम पौधारोपण के साथ औद्योगिक इकाइयों की भागीदारी से पौधारोपण और उनके संरक्षण पर भी विभाग का जोर रहेगा।
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 6613 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 387 वृहद गोसंरक्षण केंद्र, 305 कांजी हाउस तथा शहरी क्षेत्र में 303 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7608 गो आश्रय स्थल संचालित हैं। इन सभी स्थलों पर गोपाल वन की स्थापना भी की जाएगी। पूरे वर्षकाल में यहां भी पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही इसके संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने निजी गोपालकों से भी अनुरोध किया है कि वे भी पौधे लगाएं।
भगवान श्रीकृष्ण को गोपाल कहा जाता है। वे गायों की देखभाल और पालन करते थे। गाय नि:स्वार्थ भाव से बहुत कुछ देती है। मथुरा को गोपाल की नगरी कहा जाता है, इसलिए गोपाल वन के राज्य स्तरीय मुख्य आयोजन की जिम्मेदारी मथुरा वन प्रभाग को सौंपी गई है। योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि गोशाला परिसर में निवास कर रहे पशुओं को छाया और चारा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक गोशाला परिसर में गोपाल वन की स्थापना की जाए। महाभियान के अंतर्गत यह आदेश जारी किया गया है कि प्रत्येक गोशाला में गोपाल वन की स्थापना की जाए, जिसमें स्थल की उपलब्धता के अनुसार छायादार और चारा प्रजातियों का रोपण किया जाए।
मथुरा वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी रजनीकांत मित्तल ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर विशिष्ट वनों की स्थापना हो रही है। विशिष्ट वनों की स्थापना के लिए अलग-अलग प्रभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कान्हा की नगरी में गोपाल वन को लगाने, उसे समृद्ध करने और संरक्षित करने की जिम्मेदारी मथुरा वन प्रभाग की है। इसे देखते हुए 27 जुलाई को मथुरा में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन कर देवरहा बाबा आश्रम में गोपाल वन स्थापित किया जाएगा। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्कूली बच्चों और समाज के अनेक वर्गों का भी सहयोग रहेगा। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।