क्या मौलाना शमशुल हुदा खान पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप सही है?

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क्या मौलाना शमशुल हुदा खान पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप सही है?

सारांश

संत कबीर नगर में मौलाना शमशुल हुदा खान पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला यूपी एटीएस की जांच के बाद सामने आया है, जिसमें उनके संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। जानिए इस पूरे मामले की गहराई और इसके संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • मौलाना शमशुल हुदा खान पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं।
  • उन्हें विदेशी मुद्रा अधिनियम के उल्लंघन के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।
  • दोनों मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है।
  • रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है।
  • एटीएस की जांच में मौलाना की गतिविधियों का खुलासा हुआ है।

संत कबीर नगर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई हुई है, जहां ब्रिटिश नागरिक मौलाना शमशुल हुदा खान के खिलाफ खलीलाबाद थाने में धोखाधड़ी और विदेशी मुद्रा अधिनियम (एफईएमए) के उल्लंघन के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

यह कदम यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की जांच रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मौलाना ने 2013 में इंग्लैंड की नागरिकता प्राप्त की थी और वह भारत में इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा था। इसके साथ ही, आजमगढ़ और संत कबीर नगर में स्थित उसके दोनों मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है, जबकि रजा फाउंडेशन एनजीओ का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है।

मौलाना पर मुख्य आरोप यह है कि वह मदरसों के लिए विदेश से फंड इकट्ठा करने में 'दलाली' करता था। एटीएस की जांच में यह भी पाया गया कि वह इस्लाम के प्रचार के नाम पर बार-बार पाकिस्तान का दौरा करता रहा और वहां के कई कट्टरपंथी मौलानाओं व संदिग्ध व्यक्तियों के संपर्क में था।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि शमशुल हुदा जम्मू-कश्मीर के संदिग्ध नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जहां से कट्टर विचारधारा का प्रसार हो रहा था। इंग्लैंड की नागरिकता के बावजूद, वह भारत में रहकर संदिग्ध गतिविधियां चला रहा था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी गईं।

पुलिस ने बताया कि एटीएस की रिपोर्ट मिलने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की गई। मौलाना की गतिविधियां स्पष्ट रूप से संदिग्ध हैं। हम आगे की जांच कर रहे हैं और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है। एफआईआर में धारा 420 (धोखाधड़ी) के अलावा एफईएमए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस कार्रवाई के तहत दोनों मदरसों को तत्काल बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है, जहां सैकड़ों छात्र पढ़ते थे। रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन रद्द होने से एनजीओ की सभी गतिविधियां ठप हो गईं। यह मदरसों के लिए फंडिंग का केंद्र था।

Point of View

हमें इस मामले पर गहराई से विचार करना चाहिए। मौलाना शमशुल हुदा खान का मामला न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह हमारे देश की सुरक्षा और धार्मिक सहिष्णुता के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें इस प्रकार की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हमारे समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

मौलाना शमशुल हुदा खान पर क्या आरोप हैं?
उन्हें इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या मौलाना की गतिविधियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं?
जी हां, उनकी गतिविधियाँ संदिग्ध मानी जा रही हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन क्यों रद्द किया गया?
रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन इसीलिए रद्द किया गया क्योंकि यह मौलाना के संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ा था।
क्या मदरसे बंद कर दिए गए हैं?
हां, दोनों मदरसों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया है।
एटीएस ने मौलाना के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?
एटीएस ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और आगे की जांच जारी है।