क्या मायावती ने पक्ष और विपक्ष से यूपी विधानसभा सत्र के शांतिपूर्ण संचालन की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- मायावती ने सत्र को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने का अनुरोध किया।
- देश की अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव चिंता का विषय है।
- सभी राजनीतिक दलों को सहयोग और संवाद के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
- जनता के मुद्दों पर गंभीर चर्चा होना आवश्यक है।
- वोटर, वोटर सूची और ईवीएम मुद्दों पर शीघ्रता से ध्यान दिया जाए।
लखनऊ, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से प्रारंभ हो गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दोनों पक्षों से अनुरोध किया कि सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने देशहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता भी जताई।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उत्तर प्रदेश विधानसभा का आज से शुरू होने वाला मानसून सत्र, संक्षिप्त होने के बावजूद केवल औपचारिकता से भरा न हो, बल्कि इसे सही तरीके से प्रदेश और जनहित में उपयोगी बनाना अनिवार्य है, जिसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थों को त्यागकर आगे बढ़ना आवश्यक है।"
उन्होंने आगे लिखा, "वर्तमान में चल रहा संसद का मानसून सत्र भी पूरी तरह शांतिपूर्ण नहीं चल रहा है, जिससे जन अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य नहीं हो रहा है। इस कारण जनता और देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर चर्चा नहीं हो पा रही है, जिससे लोगों में चिंता स्वाभाविक है।"
मायावती ने यह भी कहा, "भारतीय व्यापार पर भारी अमेरिकी टैरिफ के कारण देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है, जिस पर संसद में गहन चर्चा आवश्यक है। यह देश के 'अच्छे दिन' से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। सरकार और विपक्ष दोनों को इस पर ध्यान देना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि वोटर, वोटर सूची, ईवीएम आदि से संबंधित जो भी मुद्दे देश में चल रहे हैं, उन पर भी उचित ध्यान दिया जाना चाहिए।