क्या मायावती ने सात राज्यों में पार्टी संगठन की तैयारियों की समीक्षा की और भाषाई विवाद पर चिंता जताई?

Click to start listening
क्या मायावती ने सात राज्यों में पार्टी संगठन की तैयारियों की समीक्षा की और भाषाई विवाद पर चिंता जताई?

सारांश

मायावती ने सात राज्यों में पार्टी संगठन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए भाषाई विवाद पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। क्या यह विवाद देश की एकता को कमजोर कर सकता है?

Key Takeaways

  • भाषाई विवाद पर ध्यान देने की जरूरत है।
  • लोगों की जान-माल की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • कर्नाटक में राजनीतिक गुटबाजी से कानून प्रभावित हो रहा है।
  • सरकार को भ्रष्टाचार और लापरवाही को रोकना चाहिए।
  • उत्तर प्रदेश में सुशासन का उदाहरण पेश किया गया है।

लखनऊ, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाषाई विवाद को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देकर लोगों के जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। मायावती ने रविवार को राजधानी लखनऊ में सात राज्यों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा की। इसके अलावा, उन्होंने अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी विचार किया।

बीएसपी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाषा विवाद खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि यह तब होता है जब धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा की संकीर्ण राजनीति देशभक्ति और देश प्रेम को प्रभावित करने लगती है।

उन्होंने कहा कि हर भारतीय को अपनी भारतीयता पर गर्व करना चाहिए। खासकर मुंबई जो देश की आर्थिक राजधानी है, यहाँ सभी राज्यों के लोगों का सीधा संबंधित है। सरकार को लोगों की जान, माल और मज़हब की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए। केन्द्र सरकार को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न राज्यों में पुल और एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाएं और जान-माल की हानि से जनता का विश्वास डगमगाता है। सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामलों में उम्मीद को नुकसान होता है। बचाव के सभी उपाय किए जाने चाहिए।

इसके अलावा, मायावती ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी और सरकार की राजनीतिक गुटबाजी से कानून का राज प्रभावित हो रहा है, विशेषकर गरीब लोगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने दक्षिण के अन्य राज्यों - तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और केरल की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि बसपा ने उत्तर प्रदेश में अपने चार बार के शासनकाल में सुशासन का उदाहरण पेश किया था।

समीक्षा बैठक में सबसे पहले पार्टी संगठन की समितियों के गठन के बारे में २ मार्च को लखनऊ में आयोजित विशेष बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली गई।

Point of View

वे देश की एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण हैं। भाषाई विवादों को सुलझाना और प्रदेशों में सुशासन को सुनिश्चित करना आवश्यक है। हमें सभी राजनीतिक दलों से अपेक्षा करनी चाहिए कि वे मिलकर इन समस्याओं का समाधान करें।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

मायावती ने किस मुद्दे पर चिंता जताई है?
मायावती ने भाषाई विवाद पर चिंता जताई है और लोगों की जान-माल की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है।
क्या मायावती ने संगठन की समीक्षा की?
जी हां, उन्होंने लखनऊ में सात राज्यों में पार्टी संगठन की गतिविधियों की समीक्षा की।
कर्नाटक में क्या समस्याएं हैं?
कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी और सरकार की गुटबाजी से कानून का राज प्रभावित हो रहा है।