क्या किंग ऑफ पॉप माइकल जैक्सन ने मूनवॉक का जादू दिखाकर दुनिया को मोहित किया?

सारांश
Key Takeaways
- माइकल जैक्सन ने म्यूजिक और डांस की दुनिया में अद्वितीयता लाई।
- उनका मूनवॉक एक यादगार डांस स्टेप है।
- उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
- उनके एल्बम थ्रिलर ने एक नई परिभाषा दी।
- माइकल का जीवन विवादों से भरा था, फिर भी वे प्रेरणा बने।
मुंबई, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। २५ जून, वह दिन जब पूरी दुनिया ने ‘मूनवॉक’ का जादू देखने वाले किंग ऑफ पॉप माइकल जैक्सन को हमेशा के लिए अलविदा कहा। माइकल जैक्सन एक ऐसा नाम है जो संगीत और नृत्य का पर्याय बन गया है। उन्होंने अपने मूनवॉक से न केवल वैश्विक मंच को रोशन किया, बल्कि करोड़ों प्रशंसकों के दिलों को भी जीत लिया।
माइकल जोसेफ जैक्सन का जन्म २९ अगस्त १९५८ को इंडियाना, अमेरिका में हुआ। जैक्सन परिवार के नौ बच्चों में से एक माइकल ने अपने करियर की शुरुआत मात्र पांच साल की उम्र में जैक्सन ५ बैंड के साथ की थी। उनकी आवाज़, प्रदर्शन और ऊर्जा ने उन्हें खास मुकाम पर पहुंचाया। असली जादू तब शुरू हुआ जब उन्होंने एकल करियर में कदम रखा।
उनके एल्बम ‘ऑफ द वॉल’ (१९७९), ‘थ्रिलर’ (१९८२), ‘बैड’ (१९८७), ‘डेंजरस’ (१९९१) और ‘हिस्ट्री’ (१९९५) ने न केवल म्यूजिक वर्ल्ड में बदलाव लाया, बल्कि पॉप कल्चर को भी नया आयाम दिया।
‘थ्रिलर’ आज भी एक लोकप्रिय एल्बम है, जिसकी ६६ मिलियन से अधिक कॉपी बिक चुकी हैं। इस एल्बम के गाने जैसे ‘बिली जीन’, ‘बीट इट’ और ‘थ्रिलर’ ने माइकल को वैश्विक सुपरस्टार बना दिया। उनके म्यूजिक वीडियो ने कहानी कहने की कला को नया रूप दिया।
माइकल जैक्सन का मूनवॉक दुनिया के सबसे शानदार डांस स्टेप्स में से एक है। साल १९८३ में ‘मोटाउन २५’ परफॉर्मेंस के दौरान जब उन्होंने ‘बिली जीन’ पर मूनवॉक किया, तो दर्शक दंग रह गए। उनके पैर पीछे की ओर सरकते हुए एक ऐसी लय बनाते थे, जो गुरुत्वाकर्षण को चुनौती देती थी। इस स्टेप की खूबी यह थी कि यह न केवल तकनीकी रूप से कठिन था, बल्कि इसमें माइकल की भावनाएँ और व्यक्तित्व भी झलकते थे।
जर्नल ऑफ न्यूरोसर्जरी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मूनवॉक के दौरान पैरों की मांसपेशियों पर जबरदस्त दबाव पड़ता है, लेकिन रीढ़ की हड्डी पर इसका प्रभाव कम होता है। माइकल इस स्टेप को बखूबी करते थे।
४५ डिग्री का लेटरल लीन, जिसे उन्होंने ‘स्मूद क्रिमिनल’ गाने में पेश किया था। इस स्टेप में माइकल अपने शरीर को ४५ डिग्री तक आगे की ओर झुका लेते थे, जो सामान्यतः काफी मुश्किल भरा स्टेप है। जानकारी के अनुसार कई डांसर्स ने इस स्टेप को कॉपी करने की कोशिश की, लेकिन वे केवल २५ से ३० डिग्री तक ही झुक पाए।
माइकल के डांस स्टेप्स से फैंस ही नहीं, रिसर्चर्स भी हतप्रभ रह जाते थे। पता चला कि उनके जूतों में एक खास तकनीक थी। विशेषज्ञों का मानना था कि उनके पास खास प्रकार का जूता था और उनकी खुद की तकनीक भी कमाल थी। माइकल की मजबूत मांसपेशियाँ, विशेषकर टांगों और रीढ़ की हड्डी की ताकत, इस स्टेप को और भी प्रभावशाली बनाती थीं। उनके डांस स्टेप्स में शारीरिक ताकत, तकनीक और कला का अनोखा संगम था।
माइकल के एल्बम केवल गाने नहीं थे, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव के प्रतीक थे। ‘थ्रिलर’ ने नस्लीय और सांस्कृतिक दीवारों को तोड़ा और म्यूजिक वीडियो को एक कला के रूप में स्थापित किया। ‘बैड’ और ‘डेंजरस’ जैसे एल्बम में माइकल ने सामाजिक मुद्दों, जैसे गरीबी, पर्यावरण और नस्लवाद को उठाया। ‘हील द वर्ल्ड’ और ‘अर्थ सॉन्ग’ जैसे गाने आज भी प्रासंगिक हैं, जो खास संदेश देते हैं।
उनके म्यूजिक वीडियो में कहानी कहने की कला ने एमटीवी एज को परिभाषित किया। ‘थ्रिलर’ का १४ मिनट का वीडियो एक मिनी-फिल्म थी, जिसमें हॉरर, डांस और ड्रामा का मिश्रण था। माइकल ने अपने वीडियो के जरिए न केवल फैंस को एंटरटेन किया, बल्कि डांस, फैशन और नई तकनीक को भी प्रभावित किया।
माइकल का जीवन जितना शानदार था, उतना ही विवादों से भरा भी। त्वचा के रंग में बदलाव, सर्जरी, निजी जीवन और कानूनी विवादों ने उनकी छवि को प्रभावित किया। उनके प्रशंसकों के लिए, माइकल हमेशा वह मैजिक मैन रहेंगे, जिसने अपने संगीत और डांस के जरिए दुनिया को जोड़ा। उनकी मृत्यु २५ जून २००९ को हुई, जिसने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया।