क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एसआईआर पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई?
सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी।
- मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
- लगभग 60 दलों को निमंत्रण दिया गया है।
- बैठक में मतदाता सूची के सुधार पर चर्चा होगी।
- विपक्षी दलों की भागीदारी पर सवाल उठ रहे हैं।
चेन्नई, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को चेन्नई में एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया है। यह बैठक तमिलनाडु में आगामी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले की गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) 4 नवंबर से शुरू होने वाली है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस प्रक्रिया पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है। बैठक त्यागराय नगर में आयोजित होगी, जिसमें न केवल डीएमके के गठबंधन सहयोगियों, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों को भी आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, लगभग 60 राजनीतिक दलों को इस बैठक के लिए निमंत्रण भेजा गया है। डीएमके के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पिछले दो दिनों में कुछ दलों के नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें आमंत्रित किया।
कई गैर-सहयोगी दलों ने इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है, जिनमें डीएमडीके, तमिझागा मक्कल काची (तमक), तमिझागा वेत्री कझम (टीवीके) और अन्य छोटे क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं।
इस बैठक की पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग के निर्णय पर कई दलों की आपत्तियों के बीच यह उम्मीद जताई जा रही है कि राजनीतिक दल इस प्रक्रिया को कैसे अपनाएंगे। सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगी दल भी एसआईआर की समयावधि और प्रक्रिया पर अपनी आपत्तियाँ व्यक्त कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पार्टियों से मतदाता सत्यापन, नए मतदाताओं को सूची में शामिल करने और सूची में विसंगतियों को दूर करने पर सुझाव दिए जा सकते हैं। विचार-विमर्श के बाद राज्य सरकार अपने अगले कदम पर विचार करेगी। इसमें चुनाव आयोग और जिला अधिकारियों के साथ समन्वय किया जा सकता है।
हालांकि, एआईएडीएमके, भाजपा और पीएमके के अंबुमणि रामदास गुट जैसे प्रमुख विपक्षी दलों ने चर्चाओं में भाग न लेने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में, विपक्ष इस प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है, इसलिए रविवार को आयोजित होने वाली यह सर्वदलीय बैठक 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण मानी जा रही है।