क्या मोदी और धामी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष द्वारा की गई सराहना
- तीन तलाक का उन्मूलन
- महिलाओं के कल्याण के लिए ऐतिहासिक कदम
- सरकारी योजनाओं का जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन
- धामी सरकार का सक्रिय नेतृत्व
ऊधम सिंह नगर, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष फरजाना बेगम ने रविवार को ऊधम सिंह नगर जिले की नगर पंचायत गढ़ीनेगी में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों, विशेषकर महिलाओं के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जो समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहे हैं।
फरजाना बेगम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उन्हें अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री धामी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसे मैं पूरे समर्पण के साथ निभाऊंगी। मेरा लक्ष्य है कि सरकार की योजनाएं समाज के अंतिम छोर तक पहुंचें, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को इसका पूरा लाभ मिले।”
उन्होंने धामी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आपदा के समय मुख्यमंत्री स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर पीड़ितों के साथ खड़े रहते हैं। वह एक फरिश्ते की तरह काम करते हैं, जो बिना अपनी परवाह किए लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
फरजाना ने केंद्र सरकार के तीन तलाक को खत्म करने के फैसले को अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक को समाप्त करके अल्पसंख्यक महिलाओं की एक बड़ी समस्या का समाधान किया है। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।”
इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा हज कमेटी में तीन महिलाओं को शामिल करने के निर्णय की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “मेरे रूप में पहली बार किसी अल्पसंख्यक महिला को आयोग में उपाध्यक्ष के रूप में स्थान मिला है, जो एक ऐतिहासिक कदम है। पहले कभी किसी महिला को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।”
उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं को एक-एक करके हल किया जा रहा है। हम सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखंड में धामी सरकार के नेतृत्व में विकास और कल्याण की नई मिसाल कायम हो रही है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय भी बराबर का भागीदार है।