क्या प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद वित्त मंत्रालय ने दो-स्लैब जीएसटी सिस्टम का प्रस्ताव पेश किया?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद वित्त मंत्रालय ने दो-स्लैब जीएसटी सिस्टम का प्रस्ताव पेश किया?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण के बाद, वित्त मंत्रालय ने एक सरल और दो-स्लैब जीएसटी प्रणाली का प्रस्ताव रखा है। यह बदलाव आम आदमी और छोटे व्यवसायों को बड़ा फायदा पहुंचाने का वादा करता है। जानिए इस प्रस्ताव की खास बातें और इसके पीछे की सोच।

Key Takeaways

  • जीएसटी का नया प्रस्ताव आम आदमी और छोटे व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिए है।
  • दो-स्लैब प्रणाली में 'स्टैडर्ड' और 'मेरिट' स्लैब शामिल हैं।
  • आवश्यक वस्तुओं पर कर में कमी का प्रस्ताव किया गया है।
  • यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण के बाद आया है।
  • सरकार ने इसे जीएसटी परिषद के समक्ष रखा है।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक सरल और दो-स्लैब वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें एक "स्टैडर्ड" और "मेरिट" स्लैब के साथ-साथ चुनिंदा वस्तुओं के लिए विशेष दरें भी सम्मिलित होंगी।

यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए गए उनके संबोधन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों का अनावरण दिवाली तक किया जाएगा, जिससे आम आदमी को "पर्याप्त" कर राहत मिलेगी और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।

सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए अपना प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) को भेज दिया है।

अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से आम आदमी, महिलाओं, छात्रों, मध्यम वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कर दरों को युक्तिसंगत बनाना शामिल है।

इन प्रस्तावों में आम आदमी के लिए जरूरी वस्तुओं पर कर कम करना शामिल है। इससे सामर्थ्य में वृद्धि होगी, उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और आवश्यक एवं आकांक्षी वस्तुओं तक जनसंख्या को और पहुंच मिलेगी।

मंत्रालय के अनुसार, कंपनसेशन सेस की समाप्ति ने राजकोषीय गुंजाइश पैदा की है, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जीएसटी ढांचे के भीतर कर दरों को युक्तिसंगत और संरेखित करने के लिए अधिक लचीलापन उपलब्ध हुआ है।

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार का उद्देश्य इनपुट और आउटपुट कर दरों को संरेखित करना है जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट जमा में कमी आए। इससे घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा मिलेगा।

एक अन्य प्रमुख प्रस्ताव वर्गीकरण संबंधी मुद्दों को हल करके दर ढांचों को सुव्यवस्थित करना, विवादों को कम करना, अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना और सभी क्षेत्रों में अधिक समानता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।

मंत्रालय के अनुसार, "इसका उद्देश्य उद्योग जगत का विश्वास बढ़ाने और बेहतर व्यावसायिक योजना बनाने के लिए दरों और नीतिगत दिशा पर दीर्घकालिक स्पष्टता प्रदान करना भी है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए भाषण में सुधारों और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक विस्तृत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिसमें टैक्स की दरों में बदलाव से लेकर छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने तक के कुछ महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं।

उन्होंने जीएसटी व्यवस्था में व्यापक बदलावों का संकेत देते हुए कहा, "इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली मनाने जा रहा हूं। देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती होगी।"

प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी दरों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और इसे "समय की मांग" बताया।

उन्होंने घोषणा की, "जीएसटी दरों में भारी कमी की जाएगी। आम लोगों के लिए कर कम किया जाएगा।"

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब देश में जीएसटी लागू हुए आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं, यह आजादी के बाद भारत के सबसे महत्वपूर्ण कर सुधारों में से एक बन गया है। 2017 में अपनी शुरुआत के बाद से, जीएसटी ने देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एकीकृत किया है और विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में काफी सुधार किया है।

Point of View

जो न केवल आम आदमी को राहत देने का प्रयास कर रहा है, बल्कि छोटे व्यवसायों को भी सशक्त करेगा। जीएसटी में सुधार का यह सुझाव निश्चित रूप से देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी का दो-स्लैब सिस्टम क्या है?
यह एक सरल जीएसटी प्रणाली है जिसमें 'स्टैडर्ड' और 'मेरिट' स्लैब के तहत वस्तुओं की दरें निर्धारित की जाएंगी।
क्या इससे आम आदमी को फायदा होगा?
हां, इस प्रस्ताव का उद्देश्य आम आदमी को कर राहत देना और आवश्यक वस्तुओं पर कर कम करना है।
सरकार ने इसे कब पेश किया?
यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय ने 15 अगस्त को प्रस्तुत किया।
जीएसटी में सुधार का क्या उद्देश्य है?
इसका उद्देश्य कर दरों को युक्तिसंगत बनाना और व्यापार करने में आसानी प्रदान करना है।
क्या यह सभी वर्गों को लाभ पहुंचाएगा?
जी हां, यह सभी वर्गों के लिए, विशेष रूप से महिलाओं, छात्रों और किसानों के लिए लाभकारी होगा।