क्या प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अमित शाह के भाषण की प्रशंसा की और विपक्ष का झूठ उजागर किया?
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने चुनाव सुधारों पर जोर दिया।
- कांग्रेस पर गुमराह करने का आरोप लगाया।
- मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन की आवश्यकता को बताया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण की सराहना की।
- 2025 में एसआईआर का आयोजन होगा।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने सदन में बताया कि 1952 में पहले एसआईआर करने वाली कांग्रेस आज उसी का विरोध क्यों कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह के भाषण की सराहना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लोकसभा कार्यवाही का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भाषण अद्भुत था। उन्होंने ठोस तथ्यों के साथ हमारी चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं और हमारे लोकतंत्र की शक्ति को उजागर किया तथा विपक्ष के झूठ को भी बेनकाब किया।
भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सदन में एक सार्थक चर्चा हुई। जब गृह मंत्री अमित शाह ने सवालों के जवाब दिए, तो विपक्षी नेता क्यों घबरा गए? जब घुसपैठियों पर चर्चा हुई, तो विपक्षी नेता वॉकआउट कर गए।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सदन में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का जोरदार समर्थन करते हुए भारत के लोकतंत्र के इतिहास का उल्लेख किया और कांग्रेस पर इस प्रक्रिया को लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि 2004 तक किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध नहीं किया था। स्वच्छ मतदाता सूचियों और स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है। यदि मतदाता सूचियां, जो चुनावों का आधार हैं, सटीक और अद्यतन नहीं हैं, तो हम चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद नहीं कर सकते। इसलिए, मतदाता सूचियों की एसआईआर आवश्यक है। चुनाव आयोग ने 2025 में एसआईआर आयोजित करने का निर्णय लिया है।
अमित शाह ने बताया कि सबसे पहला एसआईआर 1952 में हुआ। उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी से थे। इसके बाद 1957, 1961, 1965-66, 1983-84, 1987-89, 1992-95 और 2002-03 में भी एसआईआर हुए, जिसमें कांग्रेस के प्रधानमंत्री रहे। 2004 में एसआईआर समाप्त हुआ, उस समय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे।