क्या मोदी सरकार इस संकट की घड़ी में जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ खड़ी है?

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क्या मोदी सरकार इस संकट की घड़ी में जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ खड़ी है?

सारांश

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई बाढ़ ने जनता को प्रभावित किया है। केंद्रीय राज्य मंत्री निमुबेन बांभनिया ने अपने दौरे के दौरान बाढ़ के प्रभावों का जायजा लिया और केंद्र सरकार की मदद का आश्वासन दिया। जानिए उनके दौरे की महत्वपूर्ण बातें और सरकार की राहत योजनाएं।

Key Takeaways

  • निमुबेन बांभनिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
  • केंद्र सरकार मोदी सरकार के तहत राहत कार्यों में जुटी है।
  • बाढ़ से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत प्रदान की जाएगी।
  • स्थानीय नागरिकों की समस्याओं को समझने के लिए संवाद किया गया।
  • अखनूर के क्षेत्र में लोगों के धैर्य की सराहना की गई।

जम्मू, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की केंद्रीय राज्य मंत्री निमुबेन बांभनिया ने अपने दो दिवसीय जम्मू प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को यहां नई बस्ती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हाल ही में हुई भारी वर्षा से आवासीय मकानों एवं कृषि भूमि को हुए नुकसान का आकलन किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया और महिलाओं समेत पीड़ित परिवारों से बातचीत की।

मंत्री ने अखनूर के पर्गवाल सीमा क्षेत्रों का भी दौरा किया और वर्षा से उत्पन्न अचानक आई बाढ़ से सार्वजनिक संपत्ति, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अन्य संरचनाओं को हुए नुकसान का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री निमुबेन बांभणिया ने कहा कि केंद्र सरकार इस संकट की घड़ी में जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार हाल की बाढ़ से हुई जनहानि और संपत्ति की हानि से भलीभांति अवगत है और प्रभावित लोगों की पीड़ा को समझती है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास है कि हाल की बाढ़ से प्रभावित लोगों तक सीधे पहुंचा जाए और उनके मार्गदर्शन के अनुसार केंद्र सरकार के मंत्री हर प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, ताकि जमीनी हकीकत को समझा जा सके, नुकसानों का आकलन किया जा सके और प्रभावितों को त्वरित राहत एवं पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

मंत्री ने कहा कि वह लोगों के दुःख और पीड़ा में साझेदार हैं और उनका उद्देश्य उन्हें हिम्मत और संबल प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि लोगों की अपेक्षाएं और विश्वास मोदी सरकार में है और सरकार प्रभावित परिवारों को समय पर राहत और पुनर्वास प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री ने अखनूर के पर्गवाल जैसे अति संवेदनशील सीमा क्षेत्र की जनता के साहस और धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के लोग एक ओर सीमा पार से होने वाली गोलीबारी और दूसरी ओर चिनाब नदी से होने वाली बार-बार की बाढ़ जैसी दोहरी चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन यहां की जनता का संकल्प और सरकार में उनका विश्वास ही है कि वे इन कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहते हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में २४ घंटे ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवानों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इनकी वजह से ही तमाम चुनौतियों के बावजूद यहां सामान्य स्थिति बनाए रखने में मदद मिलती है।

उन्होंने जानकारी दी कि अपने दो दिवसीय जम्मू दौरे के दौरान उन्होंने सांबा जिले के सुम्भ, जम्मू की नई बस्ती और अखनूर के पर्गवाल जैसे अति संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में बाढ़ से हुई क्षति का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन को हाल की बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से भी संवाद किया और स्थलों का निरीक्षण किया। अपने दौरे के दौरान अखनूर के विधायक एच मोहन लाल सहित अन्य नेता और अधिकारी उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को सांबा जिले के सुम्भ क्षेत्र का दौरा किया था और वहां राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की थी। उन्होंने भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों और क्षतिग्रस्त मकानों व अन्य बुनियादी ढांचों का निरीक्षण किया और बाढ़ प्रभावित परिवारों से संवाद कर उन्हें त्वरित राहत का भरोसा दिलाया।

Point of View

NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से कितना नुकसान हुआ है?
बाढ़ से आवासीय मकानों और कृषि भूमि को व्यापक नुकसान पहुंचा है, जिसका आकलन किया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा क्या राहत योजनाएं लागू की गई हैं?
केंद्र सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मंत्री निमुबेन का दौरा कब हुआ?
मंत्री निमुबेन का दौरा १३ सितंबर को हुआ था, जिसमें उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
सरकार प्रभावित परिवारों को कब तक राहत देगी?
सरकार का प्रयास है कि प्रभावित परिवारों को समय पर राहत और पुनर्वास प्रदान किया जाए।
अखनूर के पर्गवाल क्षेत्र की स्थिति क्या है?
पर्गवाल क्षेत्र में लोग सीमा पार से गोलीबारी और बाढ़ जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।