क्या पीएम मोदी ने मोहन भागवत के जन्मदिन पर लेख लिखकर डीएमके को चुनौती दी?

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क्या पीएम मोदी ने मोहन भागवत के जन्मदिन पर लेख लिखकर डीएमके को चुनौती दी?

सारांश

मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उनके योगदान की सराहना की। डीएमके ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं, आरएसएस और स्वतंत्रता संग्राम की भूमिका को लेकर। जानें इस विवाद की गहराई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।

Key Takeaways

  • मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन
  • पीएम मोदी द्वारा लेख की सराहना
  • डीएमके की गंभीर प्रतिक्रिया
  • आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर सवाल
  • राजनीतिक परिदृश्य में विरोधाभास

चेन्नई, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लेख में उनके साथ अपने व्यक्तिगत और वैचारिक संबंधों की सराहना की।

इस लेख में पीएम मोदी ने मोहन भागवत के सामाजिक और राष्ट्रीय योगदान को उजागर किया। हालांकि, इस लेख पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने आरएसएस और इसके इतिहास पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि यह संगठन स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं रहा और महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ा है। उन्होंने कहा, "आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए कोई बलिदान नहीं दिया। इसके विपरीत, महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"

एलंगोवन ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस का इतिहास विवादों से भरा है और इसका स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान नहीं रहा है।

इसके अलावा, तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन के उपराष्ट्रपति चुनाव से संबंधित बयान पर भी एलंगोवन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सभी 39 सांसदों और पुडुचेरी के एक सांसद ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ मतदान किया। यह एकता विपक्षी गठबंधन की ताकत को दर्शाती है।

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। इस पर डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने प्रतिक्रिया दी और कहा, "यह उनका अपना फैसला है। रामदास बिना किसी आधार के हर मुद्दे के लिए डीएमके को दोषी ठहराते हैं, लेकिन जनता सब देख रही है।"

उन्होंने रामदास के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि इस मामले में डीएमके का कोई हस्तक्षेप नहीं है।

Point of View

जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण है। डीएमके की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि राजनीति में विचारधारा की टकराव कितनी महत्वपूर्ण होती है।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

मोहन भागवत का जन्मदिन कब है?
मोहन भागवत का जन्मदिन 11 सितंबर को मनाया जाता है।
डीएमके ने पीएम मोदी के लेख पर क्या प्रतिक्रिया दी?
डीएमके ने आरोप लगाया कि आरएसएस स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं रहा।
आरएसएस का महात्मा गांधी से क्या संबंध है?
डीएमके का दावा है कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ा है।
क्या पीएम मोदी ने मोहन भागवत की सराहना की?
हाँ, पीएम मोदी ने मोहन भागवत के सामाजिक और राष्ट्रीय योगदान की सराहना की।
तमिलनाडु में राजनीतिक स्थिति क्या है?
तमिलनाडु में राजनीतिक स्थिति को लेकर एकता और विरोध का माहौल है।