क्या मोहनलाल ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर मां से आशीर्वाद लिया?

सारांश
Key Takeaways
- मोहनलाल ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर अपनी मां का आशीर्वाद लिया।
- उन्होंने इस पुरस्कार को मलयालम सिनेमा को समर्पित किया।
- उनकी करियर में 400 से अधिक फिल्में हैं।
- मोहनलाल की बहुमुखी प्रतिभा ने भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान किया है।
- यह पुरस्कार 23 सितंबर को प्रदान किया जाएगा।
कोच्चि, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मलयालम के सुपरस्टार मोहनलाल को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा के बाद उनके प्रशंसकों के बीच खुशी का माहौल बना हुआ है। इस घोषणा के तुरंत बाद, मोहनलाल ने अपनी मां का आशीर्वाद लेने के लिए कोच्चि वापस लौटे। कोच्चि एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की।
मोहनलाल ने कोच्चि के नेदुम्बसरी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सीधे राजीव नगर रोड, एलमक्कारा स्थित अपने घर 'श्री गणेश' पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी मां शांताकुमारी अम्मा से मुलाकात की और कुंदनूर स्थित फ्लैट में जाने से पहले उनका आशीर्वाद लिया।
हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए मोहनलाल ने कहा, "यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, बल्कि यह मलयालम सिनेमा का भी सम्मान है। मैं इस पुरस्कार को उस उद्योग को समर्पित करता हूं जिसने मुझे आकार दिया और उन सभी लोगों को जिन्होंने 48 वर्षों के इस सफर में मेरा साथ दिया।"
इस दौरान मोहनलाल काफी भावुक हो गए। उन्होंने ईश्वर, अपने माता-पिता, अपने देश और उस समिति के प्रति आभार व्यक्त किया जिसने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना।
मोहनलाल ने कहा, "यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। मैं ईश्वर, अपने प्रशंसकों, अपने माता-पिता और इस देश के प्रति हर चीज के लिए आभारी हूं। मैं उन सभी लोगों के प्यार और प्रार्थनाओं को याद करता हूं जो इन वर्षों में मेरे साथ रहे। इससे अगली पीढ़ी को बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत करने का प्रोत्साहन मिलेगा। मैं कामना करता हूं कि मलयालम सिनेमा और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करे।"
दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके मोहनलाल साढ़े चार दशकों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने मलयालम के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया है। मोहनलाल ने अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया है।
मोहनलाल की अद्वितीय बहुमुखी प्रतिभा और अथक समर्पण ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्वर्णिम मापदंड स्थापित किया है। इसीलिए उन्हें सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। यह पुरस्कार 23 सितंबर को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।