क्या मुकेश ऋषि ने ‘सलाकार’ में 'जिया-उल-हक' की भूमिका निभाने का अनुभव साझा किया?

सारांश
Key Takeaways
- किरदार का माहौल और गेट-अप महत्वपूर्ण होते हैं।
- निर्देशक के निर्देशों का पालन करने से अभिनय की प्रक्रिया सरल होती है।
- किरदार में ढलने के लिए स्क्रिप्ट के शब्द महत्वपूर्ण होते हैं।
मुंबई, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हाल में जारी हुई ओटीटी श्रृंखला ‘सलाकार’ में अपने शानदार अभिनय के लिए प्रशंसा प्राप्त कर रहे अभिनेता मुकेश ऋषि ने अपने पात्र के अनुभव साझा किए।
मुकेश ऋषि ने इस श्रृंखला में पाकिस्तानी तानाशाह मुहम्मद जिया-उल-हक के किरदार का निर्वहन किया है। हाल ही में ‘सलाकार’ के प्रचार के दौरान उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने इस रोल को कैसे निभाया है।
मुकेश ऋषि ने कहा, "जब आप ऐसे किरदार से जुड़ते हैं, तो कई चीजें अपने आप आपके पक्ष में आ जाती हैं। मेकर्स द्वारा दिया गया लुक और कॉस्ट्यूम डिजाइनर द्वारा तैयार किया गया कुर्ता—ये सभी चीजें किरदार को महसूस करने में मदद करती हैं। ऐसे किरदार आपके अंदर से उभरने लगते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "फिल्मों में मिले अनुभव का मतलब है कि आप जानते हैं कि किस प्रकार के किरदार को कैसे प्रस्तुत करना है, और हम निर्देशक के निर्देशों का पालन करते हैं। अगर निर्देशक कहते हैं कि किरदार की आवाज़ या अंदाज़ को थोड़ा कम करना है, तो मैं वैसा ही करता हूँ। इससे प्रक्रिया सरल हो जाती है।"
मुकेश ने बताया कि किरदार का माहौल, गेट-अप, और सेट का वातावरण उन्हें जिया-उल-हक के किरदार में ढालने में मददगार रहा।
उन्होंने कहा, "निर्देशक ने जिस कार में मुझे बैठाया, घर का दृश्य, जिया की पढ़ी हुई किताबों का माहौल—इन सबने मेरे किरदार में ढलने में मदद की। मुझे ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। स्क्रिप्ट के शब्द ही मुझे दिशा दिखा रहे थे।"
जिया-उल-हक को भारत-पाकिस्तान के बीच कई समस्याओं की जड़ माना जाता है। उन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो की योजना 'हजार घावों के जरिए भारत को कमजोर करो' को वास्तविकता में बदल दिया। हालांकि, बाद में जिया ने ही जुल्फिकार अली भुट्टो को एक मामले में फंसा दिया और उसे फांसी की सजा हुई।